Lok Sabha Election 2024: विधायक आरिफ मसूद पर लगा ये आरोप, संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने निर्वाचान आयोग को सौंपा ज्ञापन, पुन: मतदान की मांग

एक विधायक के नाबालिग बेटे के द्वारा वोट डालना, मतदान केंद्र पर मौजूद अधिकारियों की ड्यूटी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। यह घटना मतदान केंद्र के अधिकारियों, कर्मचारियों की मौजूदगी में होना चिंता का विषय है।

Shashank Baranwal
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Arif Masood

Lok Sabha Election 2024: राजधानी भोपाल की उत्तर विधानसभा स्थित बूथ क्रमांक 72 पर फर्जी मतदान को लेकर मध्य प्रदेश संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शमशुल हसन ने मांग की है कि दोषियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए। वहीं इस मौके पर मध्य प्रदेश महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष शमा तनवीर भी मौजूद रही। वहीं पूरे मामले की गंभीरता को लेते हुए निर्वाचन आयोग ने कलेक्टर को तत्काल कार्रवाई करने के आदेश और जांच के निर्देश दे दिए हैं।

आरिफ मसूद ने नाबालिग बेटे के साथ पहुंचे केंद्र

दरअसल, लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में राजधानी भोपाल में मतदान था। इस दौरान उत्तर विधानसभा से कांग्रेस के दो बार विधायक आरिफ मसूद अपने परिवार और नाबालिग बेटे, जिसकी उम्र 11-12 साल के बीच बताई जा रही है, के साथ बूथ क्रमांक 72 पर मतदान के लिए पहुंचे। जहां आरिफ मसूद का नाबालिग बेटा भी मतदान किया। इस बात की पुष्टि आरिफ मसूद के सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड वोट डालते हुए फोटो से की गई है। करीब 12 साल के बच्चे की उंगली पर स्याही का लगाया जाना और बूथ में प्रवेश करना अनुचित है। यह एक गंभीर विषय है और अपराध की श्रेणी में आता है। साथ ही निर्वाचन आयोग पर एक प्रश्न खड़ा करता है।

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।