सिंदूर खेला के साथ माँ दुर्गा मायके से हुई विदा, नम आँखों ने कहा फिर अगले बरस जल्दी आना माँ

Avatar
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। और आखिरकार आज माँ की विदाई का वक़्त आ गया, 10 दिन तक भव्य आदर सत्कार के बाद आज माँ दुर्गा अपने परिवार के साथ देवलोक भगवान शिव के पास रवाना हो गई, लेकिन जाते -जाते सुख, शांति समृद्धि का आशीर्वाद दे गई। आंखे नम थी, मगर सुकून था कि उनके आदर सत्कार में कोई कमी नहो छोड़ी, और बस यही दुआ है कि माँ अगले बरस जल्दी आना। कुछ ऐसा नजारा बंग समाज की दुर्गा पूजा का था, दशमी की पूजा के साथ ही आज पूरे प्रदेश में भी बंग समाज की दुर्गा पूजा का समापन हुआ, महिलाओं ने सिंदूर खेलकर माँ को विदा किया, बंग समाज में माना जाता है कि नवरात्रि के इस खास मौके पर माँ दुर्गा अपने बच्चों गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी और सरस्वती  के साथ मायके आती है, इन नौ दिनों में उनका जमकर आदर-सत्कार किया जाता है, और जब उनकी विदाई का वक़्त आता है तो उन्हें सिंदूर लगाकर मीठा पान खिलाकर विदा किया जाता है। इसे ही सिंदूर खेला की रस्म कहा जाता है, बंग समाज की महिलाएं माँ दुर्गा की विदाई पूजा के दौरान उन्हें सिंदूर लगाती है, मीठा पान अर्पित करती है और उनका चेहरा नीचे रखे शीशें में देखती है, इस दौरान वह आशीर्वाद लेती है की सुख समृद्धि बनी रहे। इसके बाद ही माँ दुर्गा की प्रतिमा को उस जगह से हिलाया जाता है जिस जगह पर पिछले 10 दिनों से उन्हें स्थापित किया गया होता है।

सिंदूर खेला के साथ माँ दुर्गा मायके से हुई विदा, नम आँखों ने कहा फिर अगले बरस जल्दी आना माँ


About Author
Avatar

Harpreet Kaur