भोपाल।
लोकसभा चुनाव की तैयारियां में जुटी भाजपा एक बार फिर भितघातियों पर नकेल कसने की तैयारी में है। खबर है कि विधानसभा चुनाव में कमजोर परफॉरमेंस और भितरघात की शिकायतें मिलने के बाद एक दो दिन में भाजपा प्रदेश के डेढ दर्जन जिलाध्यक्षों को बदल सकती है। हालांकि इस बात के संकेत पिछले हफ्ते ही राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने दे दिए थे। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को बदलाव के लिए फ्री हैंड कर दिया था और सभी को संगठन में होने वाले बदलाव के लिए तैयार रहने को कहा था। इसके साथ ही उन जिला अध्यक्षों को भी हटाया जा सकता है जो पार्टी पदाधिकारियों , निर्वाचित प्रतिनिधिनयों और कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य नही बैठा पा रहा है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही कई जिला अध्यक्षों और पार्टी पदाधिकारियों की कार्यशैली से राष्ट्रीय संगठन नाराज चल रहा है। हालांकि इस बात के संकेत बीते दिनों भोपाल में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय संगठन के अध्यक्ष रामलाल ने दे दिए थे। उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह को संगठन में बदलाव के लिए फ्री हैंड कर दिया था। जिसके चलते कयास लगाए जा रहे है राकेश सिंह एक दो दिन में संगठन बड़ा बदलाव कर सकते है।लोकसभा चुनाव से पहले कई जिलाध्यक्षों को हटाया जा सकता है। इन्हें दूसरी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है, ताकी लोकसभा चुनाव के दौरान ये बगावत ना करे और ना ही किसी तरह का पार्टी को नुकसान पहुंचाए। बताया जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल इलाके में जिस तरह से पार्टी को बीस से ज्यादा सीटों का नुकसान हुआ उसी के चलते पार्टी जिलाध्यक्षों को हटा सकती है। वही छिंदवाड़ा के जिला अध्यक्षों को लेकर भी चर्चा जोरों पर है। इसके अलावा अन्य जिलों के अध्यक्षों को फीडबैक के आधार पर हटाने का फैसला लिया जाएगा।वही कुछ सासंदों और विधायकों को भी संगठन से मुक्त कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने की तैयारी चल रही है।
इन जिलों के हटाए जा सकते है जिलाध्यक्ष
ग्वालियर शहर , ग्वालियर ग्रामीण, भिंड़, मुरैना, झाबुआ, उज्जैन ग्रामीण, धार , छतरपुर, छिंदवाड़ा , भोपाल,दतिया, अशोकनगर
इधर, कमलनाथ के पास भी पहुंची कई शिकायतें
बीते दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास भी दर्जनों शिकायते पहुंची है जिन लोगों ने चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाया था और जिनके कारण कई सीटों का नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी इन पर फिलहाल कार्रवाई ना कर जवाब तलब करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एक समिति भी गठित की जाएगी जिसे अनुशासन समिति नाम दिया जाएगा। इस समिति द्वारा पहले तो जिलाध्यक्षों को नोटिस भेज जवाब मांगा जाएगा और इसके बाद एक्शन लिया जाएगा। जिनका जबाव संतुष्टपूर्ण होगा उन्हें चुनाव की तैयारियों मे जुटने को कहा जाएगा और जिनका जवाब असतुष्ट होगा उन्हें समझाइश देकर दोबारा ऐसी गलती ना करने की हिदायद दी जाएगी।अगर उसके बाद भी शिकायते मिलती है तो पार्टी सीधा कार्रवाई करेगी।
इन जिलों के अध्यक्षों की हुई शिकायतें
विदिशा, पन्ना, नीमच, उज्जैन, खंडवा, धार, होशंगाबाद, श्योपुर, उमरिया, हरदा, भिडं, शाजापुर, भोपाल