प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि मुझे कोई चिंता नहीं है जाने वालों की। मुझे तो पता था कि ऐसे एक-आध हैं जो चले जाएंगे, कोई आश्चर्य वाली बात नहीं थी। मेरे लिए इनका सौदा अभी तक चल रहा है। यह विधायकों को फोन कर रहे हैं , पैसे ले लो, पद ले लो, फलानी चीज ले लो।कमलनाथ ने आगे कहा कि बीजेपी के लिए संविधान का कोई मतलब नहीं रह गया है। वो बस इतना समझती है कि बस बोली बोलो और राजनीति करो। बीजेपी राजस्थान में भी सौदेबाजी कर रही है।
एमपी कांग्रेस का दावा-सर्वे में एक सीट जीत रही बीजेपी
लगातार विधायकों के इस्तीफे पर एमपी कांग्रेस ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए है। पहले ट्वीट में कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ख़रीद रही, लोकतंत्र बिक रहा,इन बिकने वालों को,जनादेश नही दिख रहा।बीजेपी लोकतंत्र पर बदनुमा दाग है।बीजेपी जितना गिरेगी, जनता उतनी ही ताक़त से लड़ेंगी। दूसरे ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा है कि सर्वे में बीजेपी को 25 में से 1 सीट मिलने पर बौखलाई बीजेपी फिर ख़रीद-फ़रोख़्त कर रही है। पर याद रखना ! उपचुनाव में बीजेपी 1 से अधिक सीट नहीं जीत पायेगी। अगले ट्वीट में एमपी कांग्रेस ने लिखा है कि हारने वाले सरकार बना रहे हैं,और ग़ैर-विधायक मंत्री बन रहे हैं। फिर चुनाव का औचित्य क्या बचा..?
जीतू ने भी बोला हमला
पूर्व मंत्री और राउ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी (Former minister and Congress MLA from Rau, Jeetu Patwari) ने भी सरकार को घेरा है। जीतू ने ट्वीट कर लिखा है कि बीजेपी मध्यप्रदेश में उपचुनाव की संख्या 24 कर ले, 25 कर ले या 26 कर ले..!शिवराज जी राजनीतिक पाप करो ।जिस दिन भी उपचुनाव होंगे, बीजेपी के इस महापाप का अंत होगा और अब आने वाले 15 वर्षों तक जनता बीजेपी को वोट नहीं देगी।
कांग्रेस का संगठन कमजोर, BJP मजबूत
सुत्रों की माने तो कांग्रेस संगठन के कमजोर होने के चलते बार बार ये स्थिति बन रही है। कांग्रेस अपने विधायकों को संतुष्ट और भरोसा नही दिला पा रही है, जिसके चलते विधायकों को कांग्रेस से मोह भंग हो रहा है और वे बीजेपी में शामिल हो रहे है।पीसीसी चीफ कमलनाथ विधायकों को कॉन्फिडेंस में नही ले पा रहे है, जो गलती उन्होंने सत्ता में रहती हुए की वही अब दोहराई जा रही है। वही सुत्रों की माने तो फिलहाल बीजेपी को ना ही सरकार बनाना है और ना ही विधायकों की जरुरत है,लेकिन बावजूद इसके विधायकों को बीजेपी मे शामिल करने की एक बड़ी रणनीति है। बीजेपी आने वाले उपचुनाव में सिंधिया खेमे की तुलना में बीजेपी विधायकों की संख्या बढ़ाना चाहती है ताकी उपचुनाव के बाद कोई संकट ना हो और ना ही सरकार किसी दबाब में काम करे।
कांग्रेस को बड़ा झटका, 26 सीटों पर उपचुनाव
नेपानगर से सुमित्रा देवी और बड़ामलहरा से प्रद्युमन सिंह लोधी के इस्तीफा के बाद 26 सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है। इससे पहले होली के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 विधायकों ने बगावत करके कांग्रेस से इस्तीफे दे दिया था और मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार(kamalnath sarkar) अल्पमत में आ गई और गिर गई थी। इसके बाद बीजेपी ने सरकार बना ली थी। वर्तमान में 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 92 हो गई थी। लेकिन सुमित्रा देवी के पार्टी छोड़ने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 90 हो गई है। वही बीजेपी विधायकों की संख्या 107 है, अब 24 की जगह 26 सीटों पर उपचुनाव होंगे।यही चुनाव तय करेंगे कि कांग्रेस एमपी में वापसी करेगी या फिर बीजेपी सरकार बचाने में कामयाब होगी।
(भोपाल से पूजा खोदाणी की रिपोर्ट)