सिंधिया को लेकर चर्चाओं में एमपी कांग्रेस का यह ट्वीट, क्या है सियासी मायने

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को बीजेपी (BJP) में शामिल हुए एक साल होने वाला है, लेकिन कांग्रेस (Congress) अबतक महाराज के दर्द को भुला नही पाई है, यही वजह है कि सोशल मीडिया (Social Media) से लेकर सड़क तक कांग्रेस और उनके नेताओं द्वारा सिंधिया, उनके परिवार और समर्थकों की घेराबंदी की जा रही है। अब एमपी कांग्रेस (MP Congress) ने एक ट्वीट कर फिर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, इस ट्वीटर के कई सियासी मयाने निकाले जा रहे है।

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दरअसल, एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा है कि सिंधिया की मदद से कई क्रान्तिकारी मारे गये, भिंड (Bhind) की मुठभेड़ में 35 क्रांतिकारी शहीद (Revolutionary martyr) हुए थे। सिंधिया की ग़द्दारी के इस खुलासे के बाद पूरा राष्ट्र सिंधिया के कारनामों से लज्जित हुआ। झाँसी की रानी (Queen of jhansi), 35 क्रांतिकारी और 3 सरकार और भी बहुत कुछ निगल गये। इस ट्वीट को सिंधिया राजघराने से जोड़ कर देखा जा रहा है। आजादी (Independence) की पहली लड़ाई की नायिका रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से संग्राम करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई थीं। ऐतिहासिक तथ्य है कि सिंधिया राजघराने ने रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai) की मदद नहीं की थी।

हैरानी की बात तो ये है कि कांग्रेस में रहने के दौरान सिंधिया पर यह आरोप ग्वालियर चंबल और बीजेपी के बड़े नेता आरोप लगाते आए थे, लेकिन दल बदलते ही अब कांग्रेस ने इसे आधार बनाकर सिंधिया और उनके परिवार पर वार करना शुरु कर दिया है और अब बीजेपी मौन धारण किए हुए है।

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वही अगले ट्वीट में शिवराज सरकार के तीसरी बार हुए मंत्रिमंडल विस्तार में तुलसी राम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को शामिल किए जाने पर कांग्रेस ने लिखा है कि जयचंदों को मलाई, वफ़ादारों को कटोरा, ख़रीदी हुई सरकार है, श्रीअंत भर रहे हैं बोरा।जयचंदी ईनाम पा रही है, वफ़ादारी घुटी जा रही है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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