भोपाल।
आठ फरवरी को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे है।लोकसभा चुनाव से पहले यह कार्यक्रम स्पेशल माना जा रहा है। इसके लिए कांग्रेस ने तैयारियां तेजी से शुरु कर दी है। मंत्रियों को ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं और किसानों को जुटाने का जिम्मा सौंपा गया है।चुंकी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने में किसानों का अहम रोल रहा है, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि ‘किसान आभार सम्मेलन’ में किसानों की संख्या ज्यादा हो। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से 2 लाख किसानों को लाने का टारगेट रखा गया है।इसके साथ ही किसानों को भोपाल तक लाने, वापस छोड़ने के साथ ही भोजन-पानी और अन्य सुविधाएं भी कांग्रेस द्वारा की जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस का चुनावी शंखनाद है, वही राहुल के इस दौरे से बीजेपी में हड़कंप की स्थिति है।
मंत्रियों को भीड़ जुटाने का जिम्मा
इस सिलसिले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों से चर्चा कर उनके और प्रभार वाले जिलों से ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस जनों और किसानों को लाने की जवाबदारी सौंपी है।सभी से साफ शब्दों में कहा गया है कि प्रदेश के कौने-कौने से किसानों को लाया जाए। उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो। इस बात का खास ध्यान रखा जाए। यह कांग्रेस संगठन का महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। इसलिए मंत्री, पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष और ब्लाक अध्यक्ष मुस्तैदी से जिम्मेदारी निभाएं। कार्यकर्ता अपने स्तर पर तैयारियां करे।यह कार्यक्रम संगठनात्मक रहे, इस बात का विशेष ध्यान रखे।किसानों को 500 बसों और सात स्पेशल ट्रेनों से भोपाल लाया जाएगा। दो स्पेशल ट्रेन ग्वालियर-चंबल संभाग, दो छिंदवाड़ा और तीन स्पेशल ट्रेन रीवा-सतना से आएंगी।
किसानों से करेंगें चर्चा
खबर है कि राहुल गांधी पहले इस सम्मेलन में किसानों का धन्यवाद ज्ञापित करेंगें और फिर घोषणा पत्र को लेकर किसानों की राय भी लेंगें। इसके लिए कुछ किसानों को बातचीत के लिए भी चुना जाएगा । चर्चा के बाद जो निष्कर्ष निकलेगा उसे अपने घोषणा पत्र में शामिल करने का वचन देंगे। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की तर्ज पर लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र का नाम भी वचन पत्र हो सकता है। वही किसानों को लेकर फिर बड़े ऐलान किए जा सकते है। विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस किसानों पर फोकस करेगी।
कर सकते हैं बड़ी घोषणा
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार किसान सम्मेलन में राहुल गांधी विधानसभा चुनाव से पहले मंदसौर में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा जैसी बड़ी घोषणा कर सकते हैं। हालांकि पिछले सप्ताह 28 जनवरी को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए राहुल गांधी इसकी शुरुआत कर चुके हैं। वे अपने संबोधन में 2019 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर गरीबों के लिए न्यूनतम आमदनी का वादा कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि एक फरवरी को मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट के बाद राहुल द्वारा की जाने वाली घोषणा में भी बदलाव हो सकता है।
24 सीटों पर फोकस
प्रदेश में 15 साल बाद हुई सत्ता में वापसी के कांग्रेस लोकसभा चुनाव पर फोकस किए हुए है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस 22 -24 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। विधानसभा की तरह ही लोकसभा में भी कांग्रेस किसानों को ही आधार बनाने की तैयारी में है। इसलिए ये सभा आयोजित की जा रही है। इस दिशा में पार्टी स्तर पर काम भी शुरु हो गया है। राहुल गांधी ने बीते साल 6 जून को पिपल्या मंडी में किसानों की आमसभा में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिन में कर्जमाफी की घोषणा की थी। इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही शपथ लेने के डेढ़ घंटे बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वादा निभाते हुए किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ कर दिया था। इस सभा मे राहुल किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा करने की बात रखेंगें और जीत के लिए सभी किसानों का धन्यवाद देंगें।
दौरे से पहले लिया जा रहा फीडबैक
सुत्रों की माने तो राहुल के दौरे से पहले एक विशेष टीम सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों में जमीनी स्तर का फीडबैक ले रही है।टीम द्वारा पता लगाया जा रहा है कि कहां स्थिति कमजोर है और कहां मजबूत। इसी के आधार पर आगे की तैयारियां की जाएगी। राहुल की कोशिश मध्यप्रदेश से 24 सीटें जीतने की है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपनी सरकार बनाने वाले राहुल यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें कांग्रेस के खाते में करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकारों को भी अलर्ट कर दिया है। टीम राहुल की कमान प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया को सौंपी गई है। कहा जा रहा है कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव में बडे नेताओं ने एकजुटता दिखाई थी उसी तरह वह लोकसभा चुनाव में भी करेगी।