भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार 147 ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनके ख़िलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।इनमें कांग्रेस-भाजपा के अलावा कई अन्य दल के प्रत्याशी भी शामिल है। हैरानी की बात तो ये है कि इनमें से 21 ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन पर हत्या, हत्या के प्रयास, दहेज प्रताड़ना, धोखाधड़ी, रेप, बाल विवाह, भ्रष्टाचार जैसी धाराओं में गंभीर अपराध दर्ज हैं। वही अन्यों पर भी दूसरी धाराओं के तहत मामले दर्ज है।इस सूची में ना सिर्फ विधायक बल्कि मंत्री तक शामिल है।इसका खुलासा खुद प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र में किया है।केस दर्ज होने के बावजूद कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों इसे ग़लत नहीं मानतीं, उनका कहना है दोषी प्रत्याशियों को मैदान में नहीं उतारा गया है।
दरअसल, इस बार विधानसभा चुनाव 2018 में प्रत्याशियों को अपना आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करना जरूरी था, जिसके चलते उम्मीदवार को नामांकन के साथ अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी भी देना थी,इसमें उम्मीदवारों को बताना था कि उन पर कितने केस दर्ज है, कितनों को सजा हुई औऱ कितनों को दोषमुक्त किया गया है, कितनों के मामले कोर्ट में विचाराधीन है और कितने की कोर्ट मे सुनवाई चल रही है, और कितनों की चार्टशीट पेश नही हुई।
इन पर है मामले दर्ज
श्योपुर
तुलसीनारायण मीणा (सपा)
धोख़ाधड़ी
सबलगढ़बृजनाथ कुशवाह(कांग्रेस)
धोखाधड़ी का केस
सुमावली
अजब सिंह(बीजेपी)
हत्या का केस
मुरैना
रघुराज(कांग्रेस)
हत्या के प्रयास का केस
अटेर
हेमंत कटारे(कांग्रेस)
रेप,अपहरण का केस
गोहद
लाल सिंह आर्य(बीजेपी)
हत्या का केस
भितरवार
लाखन सिंह यादव(कांग्रेस)
दहेज प्रताड़ना का केस
डबरा
इमरती देवी(कांग्रेस)
घरेलू हिंसा
पिछोर
प्रीतम सिंह लोधी(भाजपा)
हथियार जब्त होने,हत्या के प्रयास का केस
पिछोर
लालाराम(बसपा)
आर्म्स एक्ट के तहत केस
टीकमगढ़
राकेश गिरी(भाजपा)
बाल विवाह अधिनियम का केस
जतारा
हरीशंकर खटीक(भाजपा)
बाल विवाह अधिनियम के तहत केस
अमरपाटन
राजेंद्र कुमार सिंह(कांग्रेस)
धोख़ाधड़ी का केस
अमरपाटन
गौरेलाल पटेल(भाजपा)
आर्म्स एक्ट के तहत केस
रामपुर बघेलान-
विक्रम सिंह पर(बीजेपी)
हत्या के प्रयास का केस
कोतमा
दिलीप(भाजपा)
धोख़ाधड़ी
वारासिवनी
योगेंद्र निर्मल(भाजपा)
धोख़ाधड़ी
नरसिंहपुर
जालम सिंह पटेल(भाजपा)
घातक हथियारों सहित सामान्य आशय से दंगा करने का केस
भोपाल मध्य
आऱिफ मसूद(कांग्रेस)
हत्या का केस दर्ज
शाजापुर
अरूण भीमावत(भाजपा)
धोख़ाधड़ी
मंदसौर
नरेंद्र नाहटा (कांग्रेस)
धोख़ाधड़ी और भ्रष्टाचार
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, नामांकन भरने के बाद हर राजनीतिक दल को अपने प्रत्याशी के चुनाव क्षेत्र में तीन बार मीडिया में इश्तेहार देना होगा। यह इश्तेहार प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या दोनों में देना होगा। इश्तेहार उस क्षेत्र के क्षेत्रिए मीडिया में देना होगा। इश्तेहार में बताना होगा कि उस प्रत्याशी के खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित हैं। इसके अलावा हर राजनीतिक दल अपने वेबसाइट पर ये पोस्ट करेंगे कि उनके कौन-कौन से प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं और उन पर आरोप क्या है।