भोपाल। मध्यप्रदेश की विधानसभा में जल्द फ्लोर टेस्ट होने जा रहा है। इस बात के संकेत बीती रात कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों को दिए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार को कोई संकट नहीं है और फ्लोर टेस्ट के समय यह क्लियर भी हो जाएगा। इसी के साथ साथ बीजेपी की ओर से वरिष्ठ नेता और विधायक नरोत्तम मिश्रा ने भी फ्लोर टेस्ट की मांग की है। नरोत्तम का कहना है कि राज्यपाल के अभिभाषण के पहले फ्लोर टेस्ट हो जाना चाहिए क्योंकि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के द्वारा दिया गया वक्तव्य होता है और फिलहाल मध्यप्रदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार किसकी है इसलिए राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही फ्लोर टेस्ट हो जाना चाहिए।
अभी हालात यह है कि अगर फ्लोर टेस्ट आज की स्थिति में होता है तो सरकार किसकी बनेगी, यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा । आंकड़ों के हिसाब से अभी देखा जाए तो मध्य प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ गई है। 230 सदस्यीय विधानसभा में इस समय 228 सदस्य हैं। दो सदस्यों के निधन के चलते जौरा और आगर मालवा की सीटें रिक्त हैं ।कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इस हिसाब से कांग्रेस के पास महज 92 विधायक बचे हैं ।वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं । यदि सपा, बसपा और निर्दलीय का समर्थन भी देख लिया जाए तो कांग्रेस के पास बहुमत से कम संख्या बचती है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को केवल एक उम्मीद है कि जिन विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं उनमें से कुछ वापस कांग्रेस में आ जाएंगे और सरकार सुरक्षित रहेगी।