मध्य प्रदेश के बीड़ी श्रमिकों और खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए एक अच्छी खबर है, उनके बच्चों को शिक्षा के लिए उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, इसकी चिंता मध्य प्रदेश सरकार करेगी, सरकार ने वित्तीय सहायता मंजूर कर दी है, सरकार ने तय किया है कि कक्षा एक से उच्च शिक्षा तक अब इन बच्चों को 1 हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
शैक्षणिक सत्र-2025-26 के लिए शिक्षा के लिये वित्तीय सहायता योजना के अंतर्गत मान्यता प्राप्त शिक्षण-संस्थाओं में पढने वाले प्रदेश के बीड़ी, चूना पत्थर एवं डोलोमाट और लौह-मैग्रीज-क्रोम अयस्क खनन श्रमिक एवं उनके पुत्र-पुत्रियों को शिक्षा के लिये कक्षा एक से उच्च शिक्षा तक छात्रवृत्ति की राशि 1000/- से 25000/- रुपये स्वीकृत की गई है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जारी, अंतिम तिथि नजदीक
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये पात्र विद्यार्थियों के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (https://scholarships.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। इसकी अंतिम तिथि प्री. मेट्रिक के लिये 31 अगस्त 2025 एवं पोस्ट मेट्रिक के लिये 31 अक्टूबर 2025 निर्धारित है।
जानकारी/शर्तें नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर उपलब्ध
छात्रवृत्ति के लिये आवेदन करने के लिए ओ.टी.आर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) और फेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। आवेदन की पात्रता व संबंधित अन्य जानकारी/शर्तें नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर उपलब्ध है। ऑनलाइन आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड करें जो कि स्पष्ट और पठनीय हो।
इन नंबरों से ले सकते हैं विस्तृत जानकारी
ऑनलाइन आवेदन करने संबंधी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिये जबलपुर मुख्यालय के लैंडलाइन नंबर 0761-4039511, 4039510 या e-mail ID -wc.jabalpur@rediffmail.com. wcjab@mp.gov.in तथा कल्याण प्रशासक कार्यालय, इन्दौर के टेलीफोन नंबर 0731-2703530 व e-mail-ID waind@mp.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है। मध्य प्रदेश परिक्षेत्र में संचालित अपने नजदीकी औषधालयों एवं केन्द्रीय चिकित्सालय सागर में व्यक्तिगत रूप से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
सत्यापित नहीं किए गए आवेदनों पर विचार नहीं होगा
शासन ने विद्यार्थियों को निर्देश दिए हैं कि आवेदन के बाद अपने विद्यालय/महाविद्यालय में संपर्क स्थापित कर अपने आवेदन को स्कॉलरशिप पोर्टल (https://scholarships.gov.in) के माध्यम से ही सत्यापित करवाएं। शिक्षण संस्थान द्वारा सत्यापित नहीं किए गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जायेगा।





