Complaint in Lokayukta against Shahdol District Panchayat Vice President : शहडोल जिला पंचायत उपाध्यक्ष फूलवती सिंह के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की गई है। भोपाल के सोशल एक्टिविस्ट भूपेंद्र प्रजापति ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने एवं आपराधिक मामला दर्ज करने की शिकायत की है। उनका कहना है कि फूलवती सिंह द्वारा गलत जानकारी दी गई एवं फर्जी तरीके से जिला पंचायत सदस्य, स्व ससहायता समूह की सचिव, ग्राम संगठन की सचिव एवं क्लस्टर लेवल फेडरेशन की सचिव बनी हैं।
फर्जीवाड़े का आरोप
सोशल एक्टिविस्ट भूपेंद्र प्रजापति ने अपनी शिकायत में कहा है कि फूलवती सिंह के पति जागेश्वर सिंह शासकीय नौकरी में है और जिला शहडोल के गोहपारु विकासखंड के हाई स्कूल बारकोड़ा में शिक्षक पद पर पदस्थ है तथा आयकर दाता है। सामाजिक आर्थिक जातिगत सर्वेक्षण 2011 के नियम अनुसार स्व सहायता समूह की सदस्य होने के लिए गरीब एवं बीपीएल में होना आवश्यक है। नियमों में यह स्पष्ट है कि समूह की सदस्य वह महिला नहीं हो सकती जिसका परिवार आयकर दाता हो , जिसकी पारिवारिक आय 10000 रुपये से ज्यादा हो, जिसके पास 5 एकड़ से ज्यादा जमीन हो। उन्होने कहा कि फूलवती सिंह वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से हैं। इनके पति 1990 से ही शासकीय शिक्षक है और उन्होंने फर्जी जानकारी देकर 2007 में समूह बनाकर लाखों रुपए समूह के माध्यम से अनुदान राशि ली है, साथ ही वर्तमान में सीएलएफ की सदस्य होकर करोडों रुपए का लेनदेन कर रही हैं।
शिकायतर्ता ने ये भी कहा है कि फूलवती सिंह को समूह बनाने वाले शासकीय योजनाओं का लाभ आजीविका मिशन से दिलाने वाले आजीविका मिशन के जनपद के अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाी होनी चाहिए क्योंकि किसी को समूह में जोड़ने से पहले उसके दस्तावेज परीक्षण करना आवश्यक है, जो नहीं किए गए एवं गलत तरीके से फूलवती सिंह के समूह को रजिस्टर्ड कर गया और उन्हें लाखों रुपए चक्रीय राशि, समुदाय निवेश राशि एवं अन्य रशियो का अनुदान दिया गया। आजीविका मिशन द्वारा गरीब परिवार की महिलाओं को समूह में जोड़कर अनुदान राशि देकर उन्हें आजीविका के माध्यम से छोटे-छोटे काम धंधों के लिए प्रेरित किया जाता है परंतु फूलवती सिंह पहले से ही आर्थिक रूप से सशक्त हैं। इन्होंने हजारों महिलाओं के हक के पैसे का दुरुपयोग किया गरीब समूह की महिलाओं के माध्यम से गुमराह करते हुए जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में वोट अर्जित किये।
जांच हुई तो करोड़ों की संपत्ति आ सकती है सामने
शिकायत में कहा गया है कि फूलवती सिंह का समूह जिसका नाम कावेरी स्व सहायता समूह है यह समूह जुलाई 2007 से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पंजीकृत है तथा इस समूह को 15 वर्षों से ज्यादा हो चुके हैं तब से अभी तक सरकार द्वारा समूह को कई प्रकार के वित्तीय लाभ दिए गए हैं। समूह के माध्यम से पोषण आहार वितरण, गेहूं धान खरीदी केंद्र , कस्टम हायरिंग सेंटर, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए गणवेश सिलाई का कार्य और इसी तरह अनेक काम समूह को मिले हैं, जिसमें शासन द्वारा करोड़ों रुपए प्रदान किए गए हैं। यह सब योजनाओं का लाभ समूह में जुड़ी गरीब महिलाओं को दिया जाना था परंतु फूलवती सिंह द्वारा योजनाओं का लाभ लेने के लिए गलत जानकारी देते हुए एवं सही जानकारी छुपाते हुए समूह बनाकर कई योजनाओं का लाभ लिया गया। अत: इसकी जांच अति आवश्यक है तथा उनकी संपत्ति की जांच भी आवश्यक है।भोपाल निवासी सोशल एक्टिविस्ट भूपेंद्र प्रजापति द्वारा शिकायत में फूलवती सिंह के पति तथा आजीविका मिशन विकासखंड जनपद गोहपारु के अधिकारी कर्मचारियों की भी शिकायत की गई है।
प्रदेश में और जगह भी हो सकती हैं गड़बड़ियां
भूपेंद्र प्रजापति द्वारा कहा गया है कि आजीविका मिशन में फूलवती सिंह जैसी कई अन्य महिलाएं हो सकती हैं जोकि आर्थिक रूप से सशक्त हैं लेकिन समूह के माध्यम से लाखों रुपए का अनुदान आजीविका कार्य के लिए लिया है। ऐसा नहीं है कि अकेले शहडोल में ही इस तरह की धोखाधड़ी हुई है, बल्कि मध्यप्रदेश में ऐसे कई मामले हो सकते हैं जिसमें गरीब महिलाओं के नाम पर स्व सहायता समूह बनाए गए हैं और समूह के माध्यम से कई सरकारी योजनाओं का लाभ लिया गया है। बता दें कि आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के विरुद्ध आजीविका मिशन में गड़बड़ियां करने की शिकायत हुई और वो इसके दोषी पाए गए हैं। इनपर भी 10 अलग-अलग आपराधिक धाराओं में कार्रवाई प्रस्तावित है। जब मिशन का मुखिया ही अपराधी होगा तो इस मिशन में इस तरह के गड़बड़ी के मामले मिलना बहुत सामान्य बात है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि अगर सूक्ष्म तरीके से जांच की जाए तो मध्य प्रदेश में ऐसे कई आर्थिक रूप से मजबूत परिवार मिलेंगे जिन्होंने समूह के माध्यम से करोड़ों अरबो रुपए अभी तक आजीविका कार्य करने हेतु लिए है। इस तरह मध्य प्रदेश में यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आ सकता है।