Kamalnath On Fertilizer Shortage : मध्यप्रदेश में एक तरफ खाद की किल्लत की खबर सामने आ रही है। दूसरी तरफ खाद के लिए किसान की मौत पर मामला गरमा गया है। सीहोर में शुक्रवार को 62 वर्षीय किसान की मौत हो गई। बुजुर्ग किसान सुबह से खाद के लिए कतार में खड़ा था। जिसपर अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर निशाना साधा है।
खाद की किल्लत पर बड़े सवाल पूछते हुए पूर्व सीएम ने खाद की कालाबाजारी पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की है कि खाद वितरण व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जाना चाहिए।
कमलनाथ ने की मांग
किसान की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज से बड़े सवाल किए हैं, साथ ही मांग की है कि खाद वितरण व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जाए और खाद आपूर्त सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े
एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कमलनाथ ने कहा कि “मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर के ढाबला में खाद की लाइन में घंटों लगे रहने के बाद किसान शिवनारायण मेवाड़ा की मृत्यु हो गई। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं साथ ही मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि प्रदेश के किसानों को कब तक खाद के लिए इस तरह से परेशान किया जाएगा।”
खाद की जमाखोरी पर उठाए सवाल
प्रदेश में खाद की जमाखोरी पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “एक तरफ प्रदेश में खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी हो रही है तो दूसरी तरफ किसान परेशान हो रहा है। सरकार कालाबाजारी करने वालों को संरक्षण दे रही है और किसानों की आवाज उठाने वालों पर झूठे मुकदमे लगा रही है।”
यह है पूरा मामला
इछावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रामा खेड़ी निवासी किसान रामनारायण मेवाड़ा पिछले 3 दिन से खाद के लिए परेशान हो रहे थे। 62 वर्षीय बुजुर्ग शुक्रवार को खाद लेने ढाबला सोसाइटी पहुंचे थे। सुबह से ही खाद के लिए कतार में खड़े रहने के बाद शाम 4:00 बजे उन्हें तीन बोरी खाद के लिए रसीद ही गई थी। हालांकि खाद लेने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप
इस मामले में परिजनों का आरोप है कि बुक क्लास से उनकी सांसे थमी है। किसान शिवनारायण के बेटे ने कहा किसान सुबह से घर से बिना कुछ खाए निकले थे। खाद की लंबी कतार होने की वजह से सुबह से शाम हो गई। दिनभर भूख प्यास के कारण उनकी जान चली गई है।
दरअसल जिले में खाद एक बड़ी समस्या बनी हुई है। एक एक दो दो बोरी खाद के लिए किसानों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। ढाबला समिति द्वारा 14 नवंबर 2022 को इफको यूरिया 25 मेट्रिक टन जबकि 17 नवंबर को चंबल में 25 मेट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया था। इस रबी सीजन में अभी तक 176.4 मिट्रिक टन यूरिया बांटा जा चुका है।
एक तरफ प्रदेश में खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी हो रही है तो दूसरी तरफ किसान परेशान हो रहा है। सरकार कालाबाजारी करने वालों को संरक्षण दे रही है और किसानों की आवाज उठाने वालों पर झूठे मुकदमे लगा रही है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 19, 2022
मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वह तत्काल किसानों को खाद की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं ताकि प्रदेश को इस तरह की ह्रदय विदारक घटनाएं ना देखनी पड़ें।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 19, 2022