MP News : मरीजों को इलाज में होगी सुविधा, प्रदेश में 1900 से अधिक चिकित्सकों की पदस्थापना, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये आदेश

आदेश में ये भी कहा गया है कि  उपर्युक्त पदस्थापना निश्चित अवधि के लिये है। इस सेवा अवधि के आधार पर चिकित्सक को नियमित नियुक्ति या वरिष्ठता, वेतन वृद्धि आदि संबंधी कोई अधिकार प्राप्त नहीं होंगे।

Atul Saxena
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MP News : मध्य प्रदेश के अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अब ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा, स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेज में MBBS में प्रवेश के समय प्रस्तुत किये गये अनिवार्य सेवा के बंधपत्र के आधार पर इंटर्नशिप पूरी करने वाले चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश जारी किये हैं, संचालनालय स्वास्थ्य सेवा विभाग ने 1902 चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश जारी किये हैं, इस आदेश में चिकित्सकों की अनुबंध अवधि का भी उल्लेख किया गया है ये 1 साल से लेकर 5 साल तक की है।

प्रक्रिया पूरी करने के बाद जारी हुए आदेश 

आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने इस वर्ष इंटर्न शिप पूर्ण किए चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए ऑन लाइन पोर्टल पर चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा चिकित्सकों के नामों की प्रविष्टी की थी तथा पदस्थापना के लिए 13 अगस्त 2024 से 24 अगस्त 2024 तक ऑन लाइन च्वाईस फिलिंग प्रक्रिया अपनाई थी। च्वाईस फिलिंग प्रक्रिया के दौरान चिकित्सकों के डाटा में त्रुटि सुधार भी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा निरंतर किया गया साथ ही ऑन लाइन पोर्टल पर प्रविष्टि नहीं होने के कारण, चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा शेष रह गए चिकित्सकों की प्रविष्टि भी की गई। इस पूरी प्रक्रिया के बाद  चिकित्सकों की अंतिम मेरिट सूची तैयार की गई एवं पदस्थापना स्थल का आवंटन कर आदेश जारी किये गए हैं ।

7 दिन में CMHO को देनी होगी उपस्थिति की जानकारी

बांड चिकित्सकों की नियुक्ति आदेश में शासन ने कहा है कि इन्हें 55000/- रुपये प्रतिमाह फिक्स मानदेय मिलेगा , आदेश जारी होने के 7 दिनों में इन्हें अपनी उपस्थिति सम्बन्धी सीएमएचओ को देनी होगी, चिकित्सक को दैनिक कार्य की जानकारी माह के अंत में संस्था प्रमुख को देनी होगी। अनिवार्य ग्रामीण सेवा अवधि विशिष्ट स्थान के लिये होगी तथा पदस्थापना संशोधन का आवेदन प्रस्तुत कर, कार्य संपादित न करने वाले/कार्य से अनुपस्थित होने वाले बंधपत्र चिकित्सकों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक/विधिक कार्यवाही की जावेगी।

आदेश में इन शर्तों का उल्लेख 

आदेश में कहा गया है कि बंध पत्र चिकित्सकों को एक आकस्मिक अवकाश प्रतिमाह की पात्रता होगी। आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त मातृत्व अवकाश की पात्रता होगी, किन्तु अन्य अवकाश जैसे अर्जित, असाधारण अवकाश आदि की पात्रता नही होगी। बंधपत्र अवधि पूरी करने हेतु मातृत्व अवकाश अवधि की समान अवधि हेतु पुनः कार्य संपादित करना होगा एवं उक्त अवधियों में नियमानुसार पारिश्रमिक/ मानदेय की पात्रता होगी। राज्य शासन अनिवार्य ग्रामीण सेवा 15 दिन का नोटिस देकर समाप्त कर सकेगा किन्तु चिकित्सक किसी भी स्थिति में निर्धारित अवधि के पूर्व सेवा नहीं छोड़ी जा सकेगी और ऐसा करने की स्थिति में बंधपत्र निष्फल माना जावेगा। आदेश में ये भी कहा गया है कि  उपर्युक्त पदस्थापना निश्चित अवधि के लिये है। इस सेवा अवधि के आधार पर चिकित्सक को नियमित नियुक्ति या वरिष्ठता, वेतन वृद्धि आदि संबंधी कोई अधिकार प्राप्त नहीं होंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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