भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भाजपा में बड़ी तोड़फोड़ की है| इसके पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे| सरकार ने पंचायत प्रतिनिधि प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन कार्यशाला का आयोजन भोपाल में किया। जिसमे प्रदेश भर से पंचायत प्रतिनिधि पहुंचे थे| यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ और पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल की उपस्थिति में नौ जिला पंचायत अध्यक्षों ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। कार्यक्रम के पश्चात ये सभी जिला पंचायत अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष विधिवत कांग्रेस में शामिल हो गये। इसके अलावा लगभग 24 जनपद पंचायत अध्यक्षों समेत कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया|
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने बताया कि छिंदवाड़ा की कांता ठाकूर, रतलाम के प्रमेश मैड़ा, कटनी की ममता पटेल, पन्ना के रविराज यादव, भोपाल के मनमोहन नागर, ग्वालियर की मनीषा यादव, नरसिंहपुर के संदीप पटेल, गुना की अर्चना चौहान और शिवपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष कविता कांग्रेस में शामिल हो गई। इन जिला पंचायत अध्यक्षों ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने बताया कि इन जिला पंचायत अध्यक्षों के अलावा करीब 24 जनपद पंचायत अध्यक्षों ने भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से ऐन पहले प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों के बीच घुसपैठ बनाने में कमलनाथ और कांग्रेस सफल हुए हैं। पिछले 15 दिन से जिला पंचायत अध्यक्षों और कांग्रेस नेताओं के बीच चली कई दौर की बातचीत का परिणाम शनिवार को सामने आया। वैसे तो राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधि प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन कार्यशाला का आयोजन किया है। जो कि सरकारी कार्यक्रम था, लेकिन इस कार्यक्रम के नाम पर सभी पंचायत प्रतिनिधियों को साथ लाने की कोशिश की गई|
पंचायत प्रतिनिधियों को दिया तोहफा, विकास निधि बढ़ाई
प्रशिक्षण के नाम पर बुलाए गए आयोजन में पंचायत प्रतिनिधियों को खुश करने की कोशिश की गई| पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कार्यक्रम के शुरु होते ही ऐलान किया कि आज से जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की विवेकाधीन निधि बधाई जाएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष की विकास राशि को दोगुना करते हुए 25 से बढ़ाकर 50 लाख, उपाध्यक्ष को 15 से बढ़ाकर 25 लाख, जिला पंचायत सदस्य को 10 से बढ़ाकर 15 लाख, जनपद पंचायत अध्यक्ष को 12 लाख से बढ़ाकर 15 लाख, जनपद उपाध्यक्ष को 8 लाख से बढ़ाकर 10 लाख और जनपद सदस्य को 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रूपये तक के विकास कार्यों की घोषणा करने के अधिकार होंगे।