MP News : मध्यप्रदेश में पटवारी चयनित परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार से निवेदन किया है कि वह उनकी जल्द नियुक्ति करें। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि सरकार जो जांच करा रही है वह जांच चलती रहे और यदि जांच में गड़बड़ी निकलती हैं तो उन्हें जो भी सजा दी जाएगी वह मंजूर होगी। दरअसल कुछ शिकायतों के आधार पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इन सारी नियुक्तियों पर रोक लगाकर एक जांच आयोग बना दिया है।
मध्य प्रदेश के 9000 से ज्यादा पटवारी अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार के सामने एक प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि उन सभी की जॉइनिंग जल्द से जल्द कराई जाए क्योंकि जांच आयोग की रिपोर्ट में विलंब हो सकता है और अगर विलंब हुआ और चुनाव आचार संहिता लग गई तो फिर उनकी नियुक्ति खटाई में पड़ जाएगी। ऐसे में चयनित अभ्यर्थी यह सर्टिफिकेट देने को तैयार है कि यदि जांच में उनमें से किसी भी अभ्यर्थी के खिलाफ कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो वे न केवल पद से हटने के लिए तैयार हैं बल्कि सरकार के द्वारा जो भी सजा दी जाएगी वह भी भुगतने को तैयार हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्षों की मेहनत और माता-पिता के अथक परिश्रम और धन खर्च होने के बाद उन्होंने इस मुकाम को पाया है और यदि उनकी योग्यता को चंद अफवाहों के आधार पर विवादों की कटघरे में खड़ा किया जाता है सिर्फ तो इससे न केवल उनका आत्मबल कम होता है बल्कि वे हतोत्साहित भी हो रहे हैं।इसके साथ ही उन्हें सामाजिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ रही है क्योंकि योग्यता के बाद परीक्षा पास करने पर भी लोग उन पर कटाक्ष कर रहे हैं कि उन्होंने पैसे की दम पर यह पद प्राप्त किए हैं। चयनित अभ्यर्थियों ने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि वे माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सुशासन के नारे को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार की एक शक्तिशाली भुजा के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं और सरकार उन्हें नियुक्त करे। वे हर कदम पर समाज की सेवा के लिए प्राण प्राण से जुटे रहेंगे।

क्या है मामला
कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा का केंद्र ग्वालियर का एक महाविद्यालय था, जो बीजेपी विधायक संजीव सिंह कुशवाहा का है। नतीजे सामने आए तो इस केंद्र के सात छात्रों ने मेरिट लिस्ट में स्थान पाया, वहीं इस केंद्र से कुल 144 परीक्षार्थियों का चयन हुआ। उसके बाद से ही मामला जोर पकड़ा।इसके बाद 14 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि कर्मचारी चयन मंडल की तरफ से आयोजित समूह-दो, उप समूह-चार एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। सेंटर के परिणाम की फिर से जांच की जाएगी। अब इन शिकायतों की जांच हाईकोर्ट के एक रिटायर जस्टिस कर रहे हैं जिन्हें अपनी जांच रिपोर्ट 31 अगस्त तक राज्य शासन को देनी है।