MP News : 4892 रुपये प्रति क्विंटल MSP पर खरीदी जाएगी सोयाबीन, मोदी सरकार ने स्वीकार किया प्रस्ताव, सीएम डॉ मोहन यादव ने दिया धन्यवाद

सोयाबीन खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 4,892 रुपये प्रति क्विंटल की प्रस्तावित MSP को कल केंद्र सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे तुरंत आज स्वीकृति मिल गई है। किसानों के हित में लिए गए इस निर्णय हेतु प्रधानमंत्री , केंद्रीय कृषि मंत्री एवं वाणिज्य मंत्री का प्रदेश के अन्नदाताओं की ओर से हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।  

CM Dr Mohan Yadav

MP News : मध्य प्रदेश के किसानों के लिए के अच्छी खबर हैं, सोयाबीन उगाने वाले किसान अब प्रदेश में MSP पर अपनी फसल बेच सकेंगे, केंद्र की मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार लार लिया है और सोयाबीन की MSP 4892 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दी है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद दिया है।

MP में सोयाबीन की खरीदी MSP पर होगी, प्रस्ताव स्वीकार 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में कल मंगलवार को आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला लिया गया था, सरकार ने 4892 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था जिसे आज बुधवार को स्वीकार कर लिया गया है यनी मध्य प्रदेश के किसान अब सोयाबीन को MSP पर बेच सकेंगे।

सीएम डॉ यादव ने प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री का आभार जताया 

मोदी सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिए जाने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं वाणिज्य मंत्री को धन्यवाद दिया है, उन्होंने X पर एक वीडियो सन्देश जारी कर लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सदैव किसानों की चिंता की है। इसी क्रम में सोयाबीन खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 4,892 रुपये प्रति क्विंटल की प्रस्तावित MSP को कल केंद्र सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे तुरंत आज स्वीकृति मिल गई है। किसानों के हित में लिए गए इस निर्णय हेतु प्रधानमंत्री , केंद्रीय कृषि मंत्री एवं वाणिज्य मंत्री का प्रदेश के अन्नदाताओं की ओर से हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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