भोपाल।
एक बार फिर प्रदेश का मोर्चा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने संभाल लिया है और हिन्दुत्व के एजेंडे पर काम करना शुरु कर दिया है। संघ ने बड़ा फैसला किया है कि अब उन लोगों की घर वापसी का अभियान चलाएगा, जिनके पूर्वज हिंदू थे।ठीक वैसे ही जैसे गंगा-यमुना का जहां मिलन होता है, वहां से कुछ किलोमीटर दूर तक तो दोनों का पानी अलग-अलग रंग का दिखाई देता है पर आगे चलकर एक-सा हो जाता है।यह बात संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने बैठक के दौरान कही।
दरअसल, तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर सहकार्यवाह कृष्ण गोपाल भोपाल महानगर के पार्टी प्रमुखों के साथ समन्वय बैठक का मंगलावार को आखिरी दिन था।जिसमें स्थानीय स्तर पर पार्टी के कामकाज और संघ नेताओं के बीच मसलों , कश्मीर मुद्दे और 370 धारा के हटने को लेकर चर्चा की गई। साथ ही फैसला किया गया कि संघ अब उन लोगों की घर वापसी करवाएगा जिनके पूर्व हिन्दू थे। संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि जो भी विदेशी आक्रांता भारत आए (यवन, शक, कुषाण, ग्रीक) सभी यहां की संस्कृति में समाहित हो गए, लेकिन कुछ ने यहां की संस्कृति से छेड़छाड़ की, उन्हें समाज ने स्वी���ार नहीं किया। सैकड़ों वर्ष पहले ऐसे लोगों ने हिंदुओं का भी जबरिया डरा-धमका कर धर्म परिवर्तन कराया। बहुत सारे लोग जो खुद को बट लिखते हैं, वे पहले भट्ट हुआ करते थे। जो डार लिख रहे हैं, उनके पूर्वज धर यानी ब्राहमण हुआ करते थे। चौधरी-देशमुख भी इसी समाज के हैं।
संघ नेताओं ने कहा कि ऐसे लोगों को अपने धर्म में वापस लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।। हालांकि उन्होंने कहा कि तत्काल तो यह हो नहीं सकता, लेकिन कुछ वक्त के बाद यह संभव है। ठीक वैसे ही जैसे गंगा-यमुना का जहां मिलन होता है, वहां से कुछ किलोमीटर दूर तक तो दोनों का पानी अलग-अलग रंग का दिखाई देता है पर आगे चलकर एक-सा हो जाता है।