MP News: स्कूली शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों को लिखा पत्र, फीस वृद्धि और फर्जी किताब चलाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई के दिए निर्देश

मध्य प्रदेश में निजी विद्यालयों द्वारा फीस वृद्धि और आनुषंगिक विषयों के उपबंध करने के ले मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 और नियम 2020 के प्रावधानों को सख्ती से पालन करने के आदेश दिये हैं।

Shashank Baranwal
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MP News: मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर मोहन सरकार कड़े कदम उठा रही है। इसी बीच सीएम मोहन यादव के निर्देश पर एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें ज्यादा फीस वसूलने और फर्जी किताब चलाने वाले स्कूलों पर कड़े कार्रवाई करने के आदेश दिये गए हैं।

नियमों के उल्लंघन की मिली शिकायत

दरअसल, मध्य प्रदेश में निजी विद्यालयों द्वारा फीस वृद्धि और आनुषंगिक विषयों के उपबंध करने के ले मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 और नियम 2020 के प्रावधानों को सख्ती से पालन करने के आदेश दिये हैं। वहीं, गुरूवार को जारी पत्र में सभी कलेक्टरों को कहा गया है कि लोक शिक्षण संचालनालय की तरफ से 20 मई 2024 को ही निजी स्कूलों द्वारा फीस और अन्य विषयों की जनाकारी को पोर्टल पर 8 जून 2024 से पहले ही अपलोड करने के निर्देश जारी किये गए थे। हालांकि, ये शिकायत मिल रही है कि निजी स्कूलों द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है और मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम, 2020 का उल्लंघन किया जा रहा है।

30 जून तक चलाया जाए विशेष अभियान

इसके अलावा पत्र के माध्यम से कहा गया है कि विद्यालयों द्वारा फर्जी और डुप्लीकेट ISBN पाठ्यपुस्तकों को पाठ्यकर्म में शामिल किया जा रहा है। वहीं, इसके लिए 30 जून 2024 तक विशेष अभियान चलाकर जाँच की जाए और यह चिन्हित किया जाए कि विद्यालय प्रशासन द्वारा इस प्रकार की गड़बड़ी की गई है। अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही जाँच के रिपोर्ट को मप्र लोख शिक्षण को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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