भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने साफ निर्देश दिए थे कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती मध्य प्रदेश के सभी शासकीय और निजी स्कूलों (MP School) में 100 फीसदी के बजाय 50 फ़ीसदी छात्रों को ही स्कूल बुलाया जाए और इसमें अभिभावकों की सहमति होनी चाहिए, लेकिन बावजूद इसके राजधानी भोपाल के कई स्कूलों नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे है और छात्रों को ऑफलाइन बुला रहे है।
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ताजा मामला भोपाल (Bhopal) के सेंट जेवियर स्कूल से सामने आया है। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।आज सोमवार को बिना पालकों की सहमति लिए कक्षा 1 से 10 तक बच्चों को एक साथ स्कूल में बुलाया गया।इतना ही पूरी फीस वसूली के लिए 1 घंटे की ऑफलाइन परीक्षा भी कराए गई। आज 8.30 से परीक्षाएं हो रही है। इसमें ना तो गाइड लाइन का पालन किया गया और ना ही प्रोटोकॉल को ध्यान में रखा गया।
वही सोशल डिस्टेंसिंग भी धज्जियां उड़ती नजर आई।इसमें दिखाने के लिए कक्षाएं ऑनलाइन लगाई गई लेकिन 1 घंटे की परीक्षा ऑफलाइन ली जा रही है।स्कूल के आदेश के बाद आज सुबह नन्हे बच्चे स्कूल पहुंचे।वही बच्चों से पूरी फीस वसूली जा रही है और प्रबंधन बच्चों पर स्कूल ड्रेस के फूल किट में आने भी दबाव बना रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि इन सब से जिला शिक्षा अधिकारी बेखबर है और अबतक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
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यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले BHEL के कार्मेल कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य डॉक्टर कृपा मारिया ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कक्षा 6 से 8वीं के छात्र- छात्राओं को परीक्षाओं के लिए हर हाल में स्कूल पहुंचाना जरूरी है। परीक्षाएं आज 6 दिसंबर से शुरु होगी और 16 दिसंबर तक चलेगी। पालकों के लिए दिए गए निर्देशों में साफ लिखा है कि एग्जाम का तरीका ऑफलाइन होगा। केवल कंप्यूटर एग्जाम ऑनलाइन होंगे।वही परीक्षा के बाद लंच ब्रेक होगा और फिर रेगुलर क्लास लगेगी जिसमें कम से कम तीन पीरियड होंगे।