सरकार की मंशा को पलीता, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाना ही नहीं चाहते शिक्षक, स्टूडेंट्स कैसे रहेंगे अपडेट, पढ़ें खबर

शिक्षा विभाग टेबलेट खरीदने के लिए प्रति शिक्षक 15 हजार रुपये की राशि खाते में ट्रांसफर भी कर रहा है, शिक्षक को टेबलेट खरीद कर उसकी रसीद को रसीद अपलोड करनी होगी जिससे राशि उनके खाते में पहुंच सके।

MP School : मध्य प्रदेश सरकार स्कूली शिक्षा में बड़े बदलाव कर रही है, स्कूलों का उन्नयन सहित शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के कई प्रयास किये जा रहे हैं, इसी क्रम में बच्चों को नई तकनीक से भी अवगत कराना है इसके लिए शासन ने टीचर्स को टेबलेट खरीदने के निर्देश दिए हैं लेकिन सरकारी स्कूलों के टीचर्स की रुचि टेबलेट खरीदने में कम ही दिखाई दे रही है, अभी तक केवल 20 प्रतिशत टीचर्स ने ही टेबलेट ख़रीदे हैं।

मध्य प्रदेश सरकार के स्कूलों में भले ही स्मार्ट क्लासेस संचालित हो रही हैं लेकिन स्कूलों में पढ़ाने वाले तिचार्ष स्मार्ट बनने से परहेज कर रहे हैं, दरअसल शिक्षा विभाग ने मौजूदा सत्र में छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा को पढ़ाने वाले शिक्षकों को टेबलेट खरीदने के निर्देश दिए हैं।

अभी 20 प्रतिशत Teachers ने ही ख़रीदे टेबलेट, 80 प्रतिशत की नहीं रुचि 

प्रदेश में 75 हजार माध्यमिक शिक्षक है जिन्हें चरणबद्ध तरीके से टेबलेट खरीदना है अभी केवल 35 हजार को ये निर्देश दिए गए हैं लेकिन जो जानकारी सामने आई है उसमें आंकड़ों के मुताबिक केवल 7 हज़ार ने ही टेबलेट ख़रीदे हैं यानि केवल 20 प्रतिशत शिक्षकों ने ही टेबलेट खरीदने में रुचि दिखाई है शेष 80 प्रतिशत माध्यमिक शिक्षक टेबलेट खरीदने में इंटरेस्ट लेते दिखाई नहीं दे रहे।

टेबलेट में पूरा Syllabusअपलोड, पढ़ाने में होगी आसानी 

विभाग का कहना है कि जो टेबलेट शिक्षकों को खरीदने के लिए कहे जा रहे हैं उसमें पूरा पाठ्यक्रम अपलोड होगा जिसके मध्यम से वो क्लास में पढ़ा सकेंगे, राज्य शिक्षा केंद्र ने निर्देश दिए हैं कि मध्यमिक शिक्षक 30 नवम्बर तक टेबलेट आवश्यक रूप से खरीद लें।

 एक Tablet के लिए प्रति शिक्षक दिए जा रहे 15 हजार 

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग टेबलेट खरीदने के लिए प्रति शिक्षक 15 हजार रुपये की राशि खाते में ट्रांसफर भी कर रहा है, शासन ने 75 हजार शिक्षकों के लिए 113 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है, शिक्षक को टेबलेट खरीद कर उसकी रसीद को रसीद अपलोड करनी होगी जिससे राशि उनके खाते में पहुंच सके। लेकिन शिक्षकों की कम रुचि को देखकर ऐसा लगता है कि शासन द्वारा उन्हें टेक्नोलॉजी से अपडेट करने की योजना उन्हें कुछ खास जम नहीं रही।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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