अगस्त में नया सिस्टम एक्टिव होने की उम्मीद है, जिसके बाद झमाझम बारिश का सिलसिला शुरु होगा लेकिन इसके पहले वातावरण में नमी के चलते प्रदेश के कई जिलों में रिमझिम बारिश का दौर जारी है। पिछले चौबीस घंटे में कई जिलों में इसका असर देखने को मिला है। आज मंगलवार को फिर मौसम विभाग ने कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है। 9 साल में पहली बार है जब 20 जुलाई तक इतनी कम बारिश मध्य प्रदेश में हुई है। प्रदेश के 15 जिलों में सामान्य से काफी कम वर्षा दर्ज की गई है। 15 जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम होने के कारण फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में कोई मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है। इस वजह से 4-5 दिन अच्छी बरसात की संभावना नहीं है। हालांकि वातावरण में मौजूद नमी के कारण तापमान बढ़ने पर स्थानीय स्तर पर छिटपुट बौछारें पड़ती रहेंगी।प्रदेश और आसपास कोई मानसूनी सिस्टम नहीं है।इस वजह से अभी 4-5 दिन तक अच्छी बरसात के आसार नहीं हैं। आंध्र तट पर 31 जुलाई को एक ऊपरी हवा का चक्रवात बनने के संकेत मिले हैं। इस सिस्टम के कम दबाव का क्षेत्र बनकर आगे बढ़ने पर अगस्त की शुरुआत में अच्छी बरसात की उम्मीद की जा रही है। तापमान में इजाफा होने पर कहीं-कहीं स्थानीय स्तर पर बौछारें पड़ जाती हैं।
मौसम विभाग की माने तो है। अनूपपूर, उमरिया, डिंडौरी, दमोह, छतरपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड जिलों में कही कही भारी बारिश की संभावना है। वही रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभागों में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है।
28 के बाद बारिश की संभावना
भारतीय मौसम विभाग की माने तो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों (मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश और असम और मेघालय) में 28 से 30 के दौरान भारी बारिश होने की संभावना है।वहीं, दूसरी तरफ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में 29 से 31 जुलाई, 2020 के दौरान बारिश हो सकती है।
किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
मानसून की धीमी रफ्तार और बारिश के थमने से किसानों में चिंता का माहौल है। प्रदेश के 13 जिलों में संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जहां हर साल जुलाई और अगस्त के महीने में सबसे अधिक बारिश होती है। वहीं इस बार जुलाई बीतने को है लेकिन सामान्य से कम बारिश हुई है। ऐसे में खरीफ की फसल बरबाद होने की कगार पर है।
इन जिलों को अच्छी बारिश का इंतजार
बता दें कि मध्य प्रदेश के 20 जिलों में अभी सामान्य से कम बारिश हुई है। प्रदेश में जहाँ सिंगरौली जिले में सबसे ज्यादा तो ग्वालियर में सबसे कम बारिश रिकॉर्ड हुई है। पूरे प्रदेश में इस साल फिलहाल 314.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीँ मौसम में आद्रता और नमी लगातार बनी हुई है। जो फ़िलहाल प्रदेश में राहत का कारण है।