भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से प्रदेश में एक बार फिर बारिश का दौर चल पड़ा है।लगातार हो रही बारिश ने भाेपाल समेत पूरे मध्यप्रदेश को तरबतर कर दिया है।कई जिलों में बाढ़ से बने हालातों के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर आ गए है, बांधों के गेट खोल दिए गए है, निचली बस्तियों में पानी भर गया है प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें भी अलर्ट हो गई है।आज शनिवार को फिर मौसम विभाग ने भारी बारिश के चलते एक साथ रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।मौसम विज्ञानियों ने शनिवार को भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर, चंबल संभाग में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। इसके अलावा उज्जैन, देवास, बैतूल, नीमच, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर, आगर, श्योपुरकला, शिवपुरी, भिंड में भी भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है।
क्या कहता है मौसम विभाग
मौसम विभाग की माने तो बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ा गहरा कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे लगे पूर्वी मप्र पर बना हुआ है। मानसून द्रोणिका (ट्रफ) भी शिवपुरी से कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इन दो सिस्टम के कारण पूर्वी और पश्चिमी मप्र के अधिकांश इलाकों में बरसात हो रही है। लगातार नमी मिलने से गहरे कम दबाव के क्षेत्र को लगातार ऊर्जा मिल रही है। इस वजह से उसके आगे बढ़ने की रफ्तार फिलहाल काफी कम है। बारिश का सिलसिला अलग-अलग क्षेत्रों में 2-3 दिन तक चल सकता है।
इन जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी (रेड अलर्ट)
छिंदवाड़ा, विदिशा, सीहोर,शाजापुर, राजगढ़ और आगर जिलों में।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी (ऑरेंज अलर्ट)
होशंगाबाद जिलों, भोपाल, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, दमोह, सागर, बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, मंदसौर, नीमच जिलों में।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी (येलो अलर्ट)
गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां
मुख्यमंत्री ने दिए NDRF को तैयार रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री निवास में भी एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है, अधिकारी सीधे सीएम हाउस के कंट्रोल रूम में आवश्यक जानकारी ले और दे सकते है होशंगाबाद, जबलपुर, इंदौर सम्भाग के कमिश्नर स्थिति की समीक्षा करते रहे , 48 घंटे प्रदेश में तेज बारिश की संभावना है। नर्मदा जी और उनकी सहायक नदियों के किनारे ध्यान दे। एनडीआरफ -एसडीआरएफ (NDRF-SDRF) की टीम से सतत संपर्क रखे। प्रदेश स्तर पर भी सेना सहित सभी स्तर पर सम्पर्क किया जा रहा है। निचले इलाकों में पानी न भरे इसके लिए सतत नज़र रखे ।बारिश के कारण लोग घिरे नहीं इसके लिए रेस्क्यू पहले ही किए जाए, 10 दिन की एडवांस तैयारी रखी जाए
मप्र के जिलों का ऐसा है हाल
बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम ने भाेपाल समेत मप्र काे फिर बारिश से तर कर दिया।भाेपाल लगातार बारिश से बड़े तालाब का पानी चिरायु हॉस्पिटल तक पहुंचा गया है।मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम भैंसाखेड़ी स्थित चिरायु अस्पताल के सामने भी पूरा क्षेत्र पानी से भरा नजर आया। कोविड सेंटर चिरायु अस्पताल परिसर में करीब डेढ़ फुट तक पानी भर गया था। अस्पताल प्रबंधन ने पानी निकालने का प्रयास किया लेकिन लगातार बारिश के कारण पानी नहीं निकल सका।कुलांसी नदी के सहयोगी नाले भी उफान पर। नालों के उफान पर आने से कईं गांवों का सड़क सम्पर्क टूटा लगभग एक दर्जन गांवों का भोपाल को जोड़ने वाले मार्गों से संपर्क टूटा। विदिशा जिले की तहसील के अहमदपुर कस्बे में घरों में पानी भरने की सूचना पर होमगार्ड की रेस्क्यू टीम रवाना की गई है। कुछ मकान बाढ़ के पानी से घिर गए हैं, जिनमें करीब 20 लोग फंसे हुए थे जिन्हे रेस्क्यू कर निकाला गया है। बालाघाट में बाघ नदी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, कई मार्गों का संपर्क टूट गया है। महाराष्ट्र के काली सराय बांध व पुजारी बांध का पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ा है, पुल के दोनों और आवागमन बंद कर दिया गया। रजेगांव में सड़क तक पानी आ गया है। सबसे ज्यादा बारिश में महाराष्ट से सटे इलाके प्रभावित हुए है।जबलपुर में नर्मदा नदी उफान पर है, ग्वारी घाट पानी में डूब गया है,जिसके बाद बांधों के गेट खोले जा चुके है।खंडवा में इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा में बाढ़ जैसी स्थिति है। खरगोन-बड़वानी-धार जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। ओंकारेश्वर में सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। घाटों तक लोगों की आवाजाही भी प्रतिबंधित कर दी गई है। प्रशासन ने नदी किनारे गांवों में धारा 144 लगा दी है। होशंगाबाद में भी बाढ़ से हालात बिगड़े गए है, स्थिति को देखते हुए सेना को बुलाया गया है, NDRF की दो यूनिट भी बुलाई गईं ,शाम तक सेना के हेलीकाप्टर होशंगाबाद आएंगे । नर्मदा का रौद्र रूप देखकर याद आई 1973 की भीषण बाढ़, आज ही दिन पानी-पानी हुआ था पूरा शहर। शनिवार सुबह 9 बजे तक नर्मदा का जलस्तर 973 फीट तक पहुंच गया है। जो खतरे के निशान से 6 फीट ऊपर चल रहा है। होशंगाबाद के काले महादेव मंदिर तक नर्मदा नदी का पानी पहुंच गया है। यह मंदिर सेठानी घाट से ऊपर स्थित है, पुलिस ने सेठानी घाट जाने पर रोक लगा दी है। जिले भर में भारी बारिश, नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान 964 से 4 फिट ऊपर 968.90 फिट पर पहुंच गया है और तवा डेम के सभी 13 गेटों को 30-30 फिट खोल कर 5 लाख 33 हजार 823 क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जा रहा है।खरगोन जिले में ओंकारेश्वर बांध के 23 में से 21 गेट खोले दिए गए हैं। इस कारण नर्मदा के जल घाट पर स्थित साई मंदिर तक पानी पहुंच गया है। नर्मदा तट से सटे पंचायत क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर पुलिस, गोताखोर व नाविकों को मुस्तैद रखा गया है। रायसेन जिले के बाड़ी स्थित बारना बांध के सभी आठ खुले गए हैं।नर्मदा के उफान पर आने से बरेली और उदयपुरा क्षेत्र के भी गांवों में पानी भर गया है।इससे नेशनल हाइवे-12 जयपुर-जबलपुर बंद हो गया। बरेली में निचली बस्तियों में पानी भरने से 40 लोगों को स्कूल में शिफ्ट किया गया। विदिशा में बीना और बावना नदी उफान पर हैं। हैदरगढ़ में कई घरों में पानी भर गया।छिंदवाड़ा जिले गेट खुलने के कारण पेंच नदी उफान पर आ गई जिसके कारण घोघरा के पास मछुआरा और उसका पालतू श्वान फंस गए। बाढ़ से बचने के लिए युवक श्वान के साथ पेड़ पर चढ़ गया।प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम नागपुर से बुलाई थी। देर शाम होने के कारण नागपुर से हेलीकॉप्टर छिंदवाड़ा नहीं आ पाया। शनिवार को एनडीआरएफ के हेलीकॉप्टर ने नदी में फंसे युवक और उसके पालतू श्वान को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। बेलखेड़ा गांव का युवक मधु कहार अपने मित्रों के साथ शुक्रवार को मछली पकड़ने के लिए गोघरा पेंच नदी गया था। वह जलप्रपात के पास ही वह मछली पकड़ रहा था इस दौरान माचागोरा बांध के गेट लगातार खुलने से नदी का जलस्तर बढ़ गया और वह नदी में फंस गया। । छिंदवाड़ा-नागपुर मार्ग पर गहरानाला उफान पर होने से रोड बंद रहा। नरसिंहपुर मार्ग पर सिंगोड़ी के समीप बने पेंच नदी के पुल के ऊपर पानी जाने के बाद इस मार्ग का भी संपर्क जिले से टूट गया। छतरपुर के आसपास के सभी रास्ते बंद रहे।सिवनी-छिंदवाड़ा मार्ग पर चौरई व झिलमिली के बीच स्थित पेच नदी का पुल से बाढ़ का पानी बहने के कारण इस मार्ग से आवागमन बाधित हो गया है। ।
प्रदेश की नदियों का जलस्तर
प्रदेश के लगभग सभी बांध का लेवल फुल है। अगले 48 घंटे प्रदेश में रैन फाल की स्थिति है ।तवा डैम के 13 में से 13 , इंदिरा सागर के 22 गेट, ओम्कारेश्वर में 23 में से 21 गेट ,राजघाट 18 में से 14 गेट, बरगी के 21 में से 17 गेट, मंडला पेंच बांध के सभी गेट खोले गए है।जबलपुर संभाग ,छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर में सबसे अधिक बारिश है। छिंदवाड़ा के बेलखेड़ा में 150 लोगो को सुरक्षित कैम्प में पहुंचाया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की सभी टीम को एलर्ट किया गया है, आवश्यकता होने पर टीम का डिप्लॉयमेंट तुरंत होगा। भोपाल संभाग में सर्वाधिक बारिश रायसेन में, इंदौर संभाग में खंडवा में सर्वाधिक बारिश है। इंदिरा सागर और ओम्कारेश्वर के गेट खोले गए है, अभी सरदार सरोवर हाई लेवल से 7 मीटर नीचे है । विगत वर्ष से तुलना करने में इस वर्ष संभाग में खंडवा जिले में अधिक बारिश है, संभाग के सभी जिलों में प्रशासन और सभी टीम अलर्ट पर है ।देवास में बारिश है , नेमावर में नर्मदा जलस्तर अधिक , लेकिन आगे बांधो के गेट खुलने से जलस्तर कम होगा। प्रशासन अलर्ट पर है, दमोह, छतरपुर, निवाड़ी में तेज बारिश हुई है, स्थिति नियंत्रण में है, राहतगढ़ में कुछ परिवारों को कैम्प में पहुँचाया गया है, जलभराव की स्थिति नहीं है
पिछले चौबीस घंटे का बारिश का रिकॉर्ड
नरसिंहपुर में 30, सिवनी में 9.8, मलाजखंड में 9.5, खजुराहो में 7.5, टीकमगढ़ में 6.8, मंडला में 6.1, जबलपुर में 5.9, होशंगाबाद में 5.4, सागर में 4.2, भोपाल, गुना में 3.8 सेमी. छिंदवाड़ा में 9.5, मलाजखंड में 7.9, सिवनी में 7.8, बैतूल में 7.0, जबलपुर में 6.1, नरसिंहपुर में 5.3, पचमढ़ी में 4.8, मंडला में 3.4, जबलपुर में 1.6 और भोपाल में 1.2 सेमी. बारिश हुई।
Rainfall dt 29.08.2020
(Past 24 hours)
Pachmarhi 228.0
Hoshangabad 208.8
Betul 166.4
Chhindwara 142.4
Bhopal city 97.9
Malanjkhand 90.2
Raisen 80.0
Tikamgarh 85.0
Bhopal 80.9
Nowgaon 65.6
Jabalpur 68.1
Sagar 48.6
Damoh 32.0
Khajuraho 24.0
Guna 24.9
Khandwa 19.0
Shajapur 19.0
Satna 13.7
Rewa 7.4
Ujjain 0.8
Khargone 4.0
Gwalior 5.4
Indore 5.5
Chhindwara 242.4
Seoni 209.8
Narsinghpur 193.
Malanjkhand 90.2
Umaria 15.8
Mandla 59.0
mm