भोपाल।
जैसे ही राज्यसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हुआ है वैसे ही कांग्रेस मे हलचल बढ़ गई है। दावेदारों की धड़कनेतेज हो चली है। अब मंत्री पद ना मिलने से नाराज कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा राज्यसभा जाने के लिए दावेदारी ठोकी है।अलावा ने उस समय दावेदारी पेश की है जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय और कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा जाने की अटकलें तेज है। अलावा ने दावेदारी पेश कर कांग्रेस को बड़े धर्म संकट में डाल दिया है। हालांकि यह पहला मौका नही है इसके पहले भी अलावा सरकार के खिलाफ बगावत कर चुके है और अब उन्होंने राज्यसभा जाने की मांग कर सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी।
दरअसल, हमेशा अपने बयानों से कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले कांग्रेस विधायक और जयस प्रमुख हीरालाल अलावा ने एक बार फिर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ।अलावा ने जयस से आदिवासी नेता को राज्यसभा भेजने की मांग की है। कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने आलाकमान से जयस के लिए राज्यसभा का टिकट की मांग की है।इतना ही नही अलावा ने कांग्रेस को विधानसभा में चुनाव जीताने का हवाला भी दिया है।इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान हीरालाल अलावा ने पांच सीटों पर जयस के उम्मीदवारों उतारने की मांग थी, वही हाल ही में हुए झाबुआ से भी जयस का उम्मीदवार उतारने को कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाइश देकर झाबुआ से कांतिलाल भूरिया को टिकट दे दिया और वे जीत भी गए। बीते दिनों उनके बीजेपी में जाने की अटकलें भी तेज थी।अब जब सिंधिया और दिग्विजय के राज्यसभा जाने की चर्चाओं का बाजार गर्म है ,ऐसे में अलावा ने राज्सभा जाने की मांग कर दोनों के रास्तों में रोड़ा अटका दिया है वही कांग्रेस के भी माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।
वहीं, दूसरी ओर मध्यप्रदेश कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई लोगों की दावेदारी की बात सामने आ रही है। इन बातों को अगर दरकिनार कर दें तो मीडिया में इस बात की भी जमकर चर्चा है कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मध्यप्रदेश की सीट से राज्यसभा भेजा जा सकता है। बहरहाल देखना यह होगा कि पार्टी किसके नाम पर अंतिम मुहर लगाती है।
कौन है हीरालाल अलावा
दरअसल, डॉ हीरालाल अलावा दिल्ली एम्स में डॉक्टर थे। अलावा वहां से इस्तीफा देकर मध्यप्रदेश लौटे और अपना जय आदिवासी युवा संगठन बनाया। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। धार के मनावर सीट से चुनाव जीत गए। उसके बाद अलावा ने जयस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन फिर से वह जयस में ही सक्रिय हो गए हैं।