MP News: जूडा को मंत्री पर विश्वास नहीं, मुख्यमंत्री से लगाई गुहार, सारंग बोले-हठधर्मिता

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 6 सुत्रीय मांगो को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल (Junior Doctor’s Strike) आज बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही। आज जूनियर डॉक्टरों ने कफन ओढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। कोरोना, जनरल ,ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं के बाद अब जूनियर डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस (Black fungus) का भी इलाज बंद कर दिया।जूडा ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के वादा पूरा ना करने पर नाराजगी जताई है।वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मदद की गुहार लगाई।

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वही जूनियर डॉक्टरों ने अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) से मांग की है कि हमें अब किसी पर भरोसा नहीं। आप पर पूरा भरोसा है और आप ही हमारी मांगे पूरी करें।बार बार मंत्री द्वारा आश्वासन मिलने के बाद हमारे पास हड़ताल के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं था। अब हमारे साथ, मरीजों की सेहत की चिंता सरकार को भी करनी होगी।वही जूडा ने आरोप लगाया है कि कोविड के चलते उनकी पढ़ाई ठप हुई।

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वही जूडा की हड़ताल पर चिकित्सा शिक्षा विश्वास सारंग (Medical Education Vishwas Sarang) ने कहा कि यह समय नहीं है हड़ताल और हठधर्मिता का।प्रदेश सरकार ने जूडा की चार मांगें मान ली है, स्टाइपेंड बढ़ाने पर मुख्यमंत्री और सरकार विचार कर रही है।इधर,  जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को मेडिकल टीचर्स का भी समर्थन मिल गया है।वही गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने डॉक्टरों को नोटिस जारी कर एक्शन लेने की बात कही है।

यह हैं 6 मांगें

  • मानदेय में बढ़ोतरी कर इसे 55 हजार, 57 हजार, 59 हजार से बढ़ाकर क्रमश: 68200, 70680, और 73160 किया जाए।
  • मानदेय में हर साल छह फीसदी की बढ़ोतरी की जाए।
  • कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बॉन्‍ड से मुक्त किया जाए।
  • कोविड में काम करने वाले डॉक्टरों व उनके स्वजन के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था हो।
  • कोविड ड्यूटी में काम करने वाले डॉक्टरों को सरकारी नियुक्ति में 10 फीसदी अतिरिक्त अंक दिए जाएं।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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