भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हर्निया को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का रविवार का जहांनुमा होटल में समापन हुआ। इस अवसर पर डॉक्टरों ने कहा कि पुरुषों में 15 से 20 वीं सदी और महिलाओं में सीजेरियन के बाद यह बीमारी हो रही है। इसका एकमात्र स्थाई उपाय सर्जरी है।
विश्व हर्निया दिवस के अवसर पर विदिशा के मेडिकल कॉलेज और हनिया सोसाइटी ऑफ इंडिया के द्वारा दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश भर से आए 400 से ज्यादा डॉक्टरों ने हार्निया को लेकर अपने विचार रखे। बताया गया कि देश के 15 से 20 फ़ीसदी पुरुष और महिलाओं को हार्निया की समस्या होती है। लेकिन पुरुषों में यह समस्या बेहद आम हो गई है। सिजेरियन ऑपरेशन के बाद महिलाओं में भी यह समस्या हो सकती है। विदिशा के मेडिकल कॉलेज में इस अवसर पर ऑपरेशन थिएटर में 15 मरीजों का फ्री लेप्रोस्कोपिक पद्धति से ऑपरेशन भी देशभर से आए सर्जनो ने किया।
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डॉक्टरों ने बताया कि अब इसके लिए रोबोटिक सर्जरी भी आ गई है जो थोड़ी महंगी जरूर है लेकिन पूरी तरह से ठीक है। यह भी बताया गया कि पुरूषो को युवावस्था में अंडकोष के अलावा पेट के अलग-अलग हिस्सों में भी हर्निया हो सकता है। बच्चों में हार्निया जरूर होता है लेकिन उनके रोने हंसने के दौरान ही दिखाई देता है, सोते समय गायब हो जाता है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि हर्निया किसी भी अन्य रोग की तुलना में ज्यादा खतरनाक है और इसका एकमात्र इलाज केवल सर्जरी हैं मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर इशान्त कुमार चौरसिया पूरे कार्यक्रम में समन्वयक रहे।