BHOPAL AIIMS NEWS : एम्स भोपाल के नेफ्रोलॉजी विभाग ने 29.06.2024 को एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) और कंटीन्यूअस रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (सीआरआरटी) के प्रबंधन पर एक राष्ट्रीय स्तर के सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने किया। उन्होंने नेफ्रोलॉजी विभाग की उनके समर्पित प्रयासों के लिए सराहना की।
रोगियों का बेहतर इलाज
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. अजय सिंह ने कहा कि यदि हम एक्यूट किडनी इंजरी को रोक लेते हैं तो कई अन्य जटिलताओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, “कुछ सीमाओं के बावजूद, हमारी सफलता दर बहुत अधिक है। हम प्रत्यारोपण को एक नया आयाम देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमने नई मशीनें खरीदकर अपनी डायलिसिस सुविधाओं को बढ़ाया है और रोगियों के लाभ के लिए उनका पूरी क्षमता से उपयोग रहे हैं।” नेफ्रोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर और आयोजन सचिव डॉ. महेंद्र अटलानी ने सीएमई के उद्देश्य के बारे में बताते हुए एके आई की व्यापकता और गंभीरता पर चर्चा की और बताया कि इस सीएमई के द्वारा प्रतिभागियों को इस क्षेत्र में हुए नए प्रयोगों की जानकारी मिलेगी, जिससे बेहतर रोगी देखभाल सुनिश्चित हो सके।
शामिल हुए कई जाने-माने चिकित्सक
डीन (अकादमिक) प्रोफेसर (डॉ) रजनीश जोशी ने कहा कि यह सीएमई न केवल नेफ्रोलॉजिस्ट के लिए बल्कि अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए भी फायदेमंद है। कार्यक्रम में देश के प्रख्यात नेफ्रोलॉजिस्ट ने वक्ताओं के रूप में भाग लिया, जिनमें डॉ. नारायण प्रसाद डॉ. श्याम बिहारी बंसल और डॉ. संदीप सक्सेना शामिल थे, जिन्होंने एकेआई और सीआरआर प्रबंधन पर अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा किये। इस सीएमई में देश के विभिन्न भागों से आये लगभग 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया।