भोपाल
मध्यप्रदेश किसान सभा के आह्वान पर किसानों की लूट के विरोध में शुक्रवार को पूरे प्रदेश में मांग दिवस मनाया गया। किसानों ने फिजिकल डिस्टेन्स और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने अपने घर, गाँव, खेत, पंचायत भवन पर सुबह नौ बजे से सवा नौ बजे तक इकट्ठे होकर हाथों में पोस्टर्स लेकर प्रदर्श किया।
इस मांगदिवस की मांगों में फसल खरीदी में सीधे आढ़तियों और कंपनियों को लूट की छूट का फैसला वापस लेने, सरकारी एजेंसी के जरिये गाँव गाँव जाकर लागत के ड्यौढ़े मूल्य पर खरीद करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी करने, बैंक, बिजली, सोसायटी सभी बकाया ऋणों की वसूली तत्काल स्थगित कर फसल का पूरा भुगतान करने तथा हर नागरिक के खाते में 7500 रुपये जमा करने की मांगे थीं। इसी के साथ देश भर में फंसे सप्रवासी मजदूरों की बिना किराए सकुशल वापसी का मुद्दा भी उठाया गया ।
इस प्रदर्शन के जरिये आढ़तियों और कंपनियों के मुनाफे के लिए मण्डी एक्ट में किये गए संशोधन, मंडियों के निजीकरण का किसान विरोधी फैसला बदलने के लिए भी मुख्यमंत्री को संदेश भेजा गया है। साथ ही औरंगाबाद में हुए हादसे के पीड़ितों के परिवारों को 20-20 लाख रूपये का मुआवजा देने, यदि भूमिहीन परिवार से हैं तो प्रति परिवार 5-5 एकड जमीन देने तथा देश भर में गए मध्यप्रदेश के सभी प्रवासी श्रमिकों को बिना किराया वसूले तत्काल वापस लाये जाने की मांग भी की गयी।
अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज संगठन के राज्य कार्यालय बीटीआर भवन भोपाल की कार्यवाही में शरीक हुए। उनके साथ एकजुटता में सीटू राष्ट्रीय सचिव प्रमोद प्रधान, सीटू नेता ए टी पदमनाभन, जनवादी महिला समिति प्रदेशाध्यक्षा नीना शर्मा, जिला सचिव खुशबू केवट तथा लोकजतन सह सम्पादक उपेन्द्र यादव भी साथ रहे।
मध्यप्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष रामनारायण कुररिया ने जबलपुर, उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह तथा अशोक तिवारी ने ग्वालियर, मुरैना, रामनाथ यादव तथा अरुण चौहान ने शहडोल, इंदौर, प्रेमनारायण माहौर, बलराज सिंह गोंड ने भिंड, सीधी, रामलल्लू गुप्ता, रोहित तिवारी, के के शुक्ला ने सिंगरौली, रीवा, सतना, कांति लाल तथा बुद्दसेन सिंह गोंड ने रतलाम, जयसिंहनगर में कार्यवाही में भाग लिया। अनूपपुर के अनेक गांवों में मांग दिवस मनाया गया।मध्यप्रदेश किसान सभा ने सभी किसान संगठनों, किसान तथा खेत मजदूर भाई बहनों को इस कार्यवाही में शामिल होने के लिए बधाई दी है।