भोपाल।
मध्यप्रदेश मे 21 सीटों पर चुनाव होते ही चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों से चुनावी खर्च का हिसाब मांगना शुरु कर दिया है। खास करके आयोग की नजर प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल मानी जानी वाली भोपाल लोकसभा सीट पर है। आयोग ने कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और भाजपा प्रत्याशी साध्वी से चुनावी खर्च का ब्यौरा दोबारा से मांगा है।इसके लिए आयोग ने दोनों को तीसरी बार नोटिस जारी किया है।सुत्रों की माने तो आयोग को शक है कि प्रत्याशियों ने ज्यादा खर्च किया है, लेकिन ब्यौरा कम का दिया है।
दरअसल, चुनाव होने के बाद भोपाल लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में खड़े 30 उम्मीदवारों द्वारा चुनाव प्रचार में खर्च की जा रही राशि का हिसाब किताब शुरु हो गया है।इसी के चलते आयोग ने साध्वी और दिग्विजय से 9 मई तक के खर्चे का हिसाब मांगा है। आयोग ने साध्वी से 15 लाख 65 हजार 427 रुपए का तो दिग्विजय से 25 लाख 63 हजार 190 रुपए हिसाब मांगा था।जिसके लिए आयोग ने नोटिस भी जारी किया था, लेकिन दोनों के तरफ से दिए गए जवाब से आयोग को संतुष्टि नही हुई तो उन्होंने फिर से तीसरा नोटिस जारी कर जवाब तलब करने को कहा है। इसका कारण यह है कि जो दोनों ने खर्च का हिसाब आयोग को सौंपा है वह व्यय रजिस्टर और छाया प्रेक्षण रजिस्टर के हिसाब से कम है।इसके लिए इन्हें दोबारा से नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।रिटर्निंग अधिकारी और भोपाल कलेक्टर सुदाम खाडे ने यह नोटिस जारी किया है।
इसके अलावा अन्य प्रत्याशियों को भी नोटिस जारी कर हिसाब मांगा गया है।जिसमें महेन्द्र कटियार, प्रवीण कुमार और देवेन्द्र प्रकाश मिश्रा भी शामिल है।बता दे कि बीते दिनों ही निर्दलीय उम्मीदवार देवेंद्र प्रकाश मिश्रा को चुनाव प्रचार पर राशि खर्च की राशि शून्य बताने पर नोटिस दिया गया था, जबकि शेडो रजिस्टर में 25 हजार रुपए खर्च सामने आ रहा है।इस विसंगति को दूर करने आयोग ने फिर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। प्रत्याशियों को यह जानकारी 25 मई तक सौंपना है।क्योकि अगर इनमें से कोई प्रत्याशी जीतता है तो रैली , जश्न, जूलूस आदि खर्चों को भी इसमें जोड़ा जाएगा।