भोपाल/ग्वालियर | मध्य प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ सरकार ने शिकंजा कस दिया है| मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद प्रदेश भर में छापेमार कार्रवाई जारी है, वहीं दोषियों पर रासुका की कार्रवाई की जा रही है| ग्वालियर में जिला प्रशासन ��्वारा की गई कार्रवाई को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने सराहा है और उन्होंने इस उपलब्धि के लिये कलेक्टर अनुराग चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन को फू��ों का हार पहनाकर स्वागत किया है|
मंत्री श्री तोमर ने कहा कि ग्वालियर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा मिलावटखोरों के विरूद्ध रासुका में की गई कार्रवाई प्रशंसनीय है। इससे मिलावट करने वालों को सबक मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मिलावट करने वालों के विरूद्ध सघन अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में किसी भी मिलावटखोरको बख्शा नहीं जायेगा। वहीं कलेक्टर ग्वालियर ने बताया कि उम्मेद सिंह रावत पुत्र हुकुम सिंह रावत थाना मोहना को सार्वजनिक व्यवस्था के अनुसरण के प्रतिकूल कार्य करने से रोकने के अभिप्राय से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा-3 उपधारा-2 के अधीन निरूद्ध करने के आदेश जारी किए गए हैं।
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बता दें कि जिले में नकली और मिलावटी दूध के कारोबार पर छापा मार कार्रवाई के दौरान बीती 24 एवं 25 जुलाई को SDM के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने मोहना में बाबा डेयरी पर कार्रवाई की थी। ये डेयरी उम्मेद सिंह रावत की है। प्रशासनिक टीम को यहाँ भारी मात्रा में मिलावटी दूध और कैमिकल रखे मिले थे। प्रशासन ने दूध के सेम्पल लेकर उसे वहीँ नष्ट कर दिया जबकि कैमिकल को जब्त कर लिया। मामले की जब जांच हुई तो मालूम चला कि उम्मेद सिंह बहुत लम्बे समय से मिलावटी दूध के कारोबार में लिप्त है। वो कारोबार का स्थान और संस्थान का नाम बदलकर कारोबार करता है। चूकि जनता भयभीत है इसी कारण पुलिस और प्रशासन से शिकायत भी नहीं करती। जांच के बाद जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर ने इसे गंभीर अपराध माना और उम्मेद के खिलाफ बीती रात 2 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के आदेश दे दिए। श्री चौधरी ने एसपी को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया है। उम्मेद सिंह को गिरफ्तार कर रासुका के तहत जेल भेज दिया है, ये आदेश तीन महीने तक प्रभावी रहेगा।
उम्मेद पर पहले से दर्ज हैं पांच प्रकरण
मिलावटखोरी के धंधे में लिप्त उम्मेद सिंह रावत के खिलाफ कुल पांच मामले दर्ज हैं जिनमें से तीन प्रकरण खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पास है और दो मामले मोहना थाने में दर्ज हैं।