NSUI alleges corruption in RGPV : मध्य प्रदेश का एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि (RGPV) एक बार फिर चर्चा में है। विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ छात्र संगठन एनएसयूआई ने मोर्चा खोल दिया है। एनएसयूआई ने विवि के कुलपति पर संगीन आरोप लगाते हुए राज्यपाल मंगुभाई पटेल को ज्ञापन सौंपा है।
नोटों की माला के साथ सौंपा ज्ञापन
एनएसयूआई नेता रवि परमार के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता शुक्रवार दोपहर नोटों की माला और ज्ञापन लेकर राजभवन पहुंचे। इन कार्यकर्ताओं ने राजभवन के बाहर आरजीपीवी विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं राजभवन के अधिकारियों को नोटों की माला के साथ राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान एनएसयूआई नेता रवि परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर चपरासी तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। विश्वविद्यालय में खुलेआम पेपर बेचे जा रहे है।इसी के साथ रवि परमार ने 5 हजार रूपए में पेपर बेचने वाला वीडियो भी ज्ञापन के साथ पेनड्राइव में देते हुए दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
कुलपति और कुलसचिव पर आरोप
रवि परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में कई सालों से कुलपति सुनील कुमार एवं कुलसचिव आर एस राजपूत की मिलीभगत से खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है जोकि आए दिन समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों में प्रकाशित भी हो रहा है। इस वजह से विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कुलपति और कुलसचिव ने विश्वविद्यालय की छवि भूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और विश्वविद्यालय की शिकायतों की जांच कई जांच एजेंसियों में लंबित है। अगर सभी जांच पारदर्शिता के साथ होगी तो निश्चित ही विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार और कुलसचिव आर एस राजपूत दोषी पाए जाएंगे। नोटों की माला दिए जाने को लेकर रवि परमार ने कहा कि RGPV में पैसे लिए बगैर कोई भी काम नहीं होते हैं। हम चाहते हैं कि महामहिम राज्यपाल इस भ्रष्टाचारी कुलपति को नोटों की माला पहनकर बैठने का निर्देश दें, ताकि पूरे विश्वविद्यालय को पता चला की ये कितना बड़ा चोर है।
RGPV में हुए घोटालों की फेहरिस्त गिनाई
एनएसयूआई ने 12 योजनाओं के नाम बताएं हैं जिनमें विवि के कुलपति ने करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है :
1. छात्रावासों में भोजन व्यवस्था में घपला।
2. पुस्तकालय हेतु फर्नीचर खरीदी घोटाला।
3. स्मार्ट क्लास रूम घोटाला।
4. डेस्कटॉप-कम्प्यूटर खरीदी घोटाला।
5.आई. यू. एम. एस. घोटाला।
6. ऑन लाईन परीक्षा घोटाला।
7. निजी महाविद्यालयों को संबंद्धता जारी करने में किये गये भ्रष्टाचार।
8. “टेण्डर और पब्लिक नोटिस के बगैर ने 3 निजी बैंकों में की गई 256 करोड़ की एफ.डी में घोटाला, 1 के बजाय 2 साल के लिए जमा किया गया फण्ड
9. GeM (Government E- Marketplace) पोर्टल पर खरीदी में भ्रष्टाचार बावत
10. नवीन के. आर. एस. भवन संचालित करने में अनिमित्ताएं।
11. सुरक्षा एवं हाऊस कीपिंग कार्यों में गम्भीर अनियमितता ।
12. विश्वविद्यालय के बायो टेक्नालॉजी विभाग हेतु एक करोड़ की फर्नीशिंग कार्य में घोटाला
कार्रवाई न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी
रवि परमार ने घोटालों की सूची के साथ विस्तृत जानकारी देते हुए राज्यपाल से निवेदन किया कि मध्यप्रदेश के एक मात्र तकनीकी विश्वविद्यालय में हुए इन अनियमितताओं की जांच हो। साथ ही कुलपति एवं कुलसचिव के भ्रष्टाचारों की निष्पक्ष जांच हेतु उन्हें अन्य स्थान पर पदस्थ करते हुए एक उच्च स्तरीय जाँच कमेटी गठित करें और नियमानुसार कार्रवाई करें, जिससे विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल होने से बचाया जा सके और छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस कर सकें। परमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोषी अधिकारियों पर जल्द से जल्द जांच कर कार्यवाही नहीं की गई तो एनएसयूआई उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी। इस मौके पर राजवीर सिंह, सिद्धार्थ आचार्य, डॉ. राम बाबू नागर, ईश्वर चौहान, रूपेश विश्वकर्मा, जीतेंद्र विश्वकर्मा, विराज यादव, दिनेश दांगी, ऋतिक शर्मा, केतन अवश्य, अयांश गुप्ता, धीरज, विक्रम आमलबे, ऋषि सिंह, नरेंद्र सेन, वीरेंद्र चौधरी, पवन पवार, पवन डांगी, नितेश सेन, विरम पवार, रामेश्वर चौहान सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।