भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कालापीपल से विधायक कुणाल चौधरी ने भी मध्यप्रदेश सरकार पर अपनी नाराजगी जताई है उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद से ही भाजपा ओबीसी वर्ग के इस बढ़े हुए आरक्षण को समाप्त करने का निरंतर षड्यंत्र रंच रही है। शिवराज सरकार चाहती नहीं है कि ओबीसी वर्ग को इस बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिले। इसको लेकर चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े, हम ज़रूर करेंगे।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकायों के चुनाव बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव जल्द कराए जाने की याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह व्यवस्था दी है साथ ही निर्देश दिए हैं कि 15 दिन के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को अधूरा माना। ऐसे में अब अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग को पंचायत एवं नगर पालिका में आरक्षण नहीं मिलेगा उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का परीक्षण किया जाएगा। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण मिले इसके लिए रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी। मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए है कि 15 दिन के अंदर पंचायत एवं नगर पालिका चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए।