भोपाल।
मु्ख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ बैठक हुई। इसमें कमलनाथ ने सभी हारे हुए प्रत्याशियों से हार के कारण, किन सीटों पर भितरघात हुआ, आगे क्या सुधार करना चाहिए, कौन अफसर या नेता इसमें शामिल था जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की। प्रत्याशियों ने भी जमकर अफसरों और भितरघातियों पर भडास निकली । इस पर कमलनाथ ने इसमें शामिल लोगों के नाम पूछे और कार्रवाई का आश्वसन दिया।माना जा रहा है कि इसके आधार पर कई अफसरों, जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों सहित अन्य पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
दरअसल, विधानसभा में जिन सीटों पर कांग्रेस को नुकसान हुआ और कई दिग्गज नेता हारे, इसको लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को हारे हुए 116 प्रत्याशियों के साथ बैठक की और फी़डबैक लिया। इस दौरान कमलनाथ ने सभी हारे हुए प्रत्याशियों से हार के कारण में शामिल अधिकारियों और भितरघातियों के नाम पूछे।हालांकि कमलनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि सर्वे के आधार पर उनके पास ऐसे अफसरों की सूची है, मेरे पास सभी का कच्चा चिट्ठा है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सभी की जन्मपत्री निकाल रहा हूं। लेकिन मैं आपके मुंह ने उनकी नाम सुनना चाहता हूं, आप लोग अपनी रिपोर्ट सौंप दें, इसके बाद सरकार अपनी है और जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।
वही बैठक में जब कुछ नेताओं ने पूर्व विधायकों को जिला योजना समिति का सदस्य बनाने का सुझाव दिया तो कमलनाथ ने कहा कि कोई भी नेता स्वयं को हारा हुआ ना माने, पार्टी आपके साथ है, सरकार हमारी है, हम किसी का भी मान-सम्मान कम नही होने देंगें। आप जनता से जुड़े काम करें। कोई अधिकारी बात नहीं सुनता मुझे बताएं। उन्होंने यह भी कहा कि टीआई, एसडीएम स्तर तक की शिकायतें मंत्री से करें और वरिष्ठ अफसरों के बारे में मुझे जानकारी दें। उन्होंने सभी से दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा। जिन्होंने खुलकर विरोध किया अथवा जो घर बैठ गए उनके नाम दें।लोकसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत से जुट जाएं।
किसने क्या कहा
अजय सिंह -पूर्व नेता प्रतिपक्ष (चुरहट से कांग्रेस प्रत्याशी)
सिंह ने कमलनाथ को बताया कि चुनाव के दौरान आजीविका मिशन के जरिए स्वरोजगार उपलब्ध कराने और स्वसहायता समूह की गतिविधियों से सरकारी मशीनरी ने भाजपा को लाभ पहुंचाया।जिसका सीधा असर विंध्य पर पड़ा और कोल जाति के वोट बिखर गए।इस दौरान उन्होंने एक वन अधिकारी का भी नाम लिया, जिसने भाजपा को फायदा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अरुणोदय चौबे- खुरई से कांग्रेस प्रत्याशी
चुनाव में हाईप्रोफाइल सीट रही खुरई से पराजित अरुणोदय चौबे ने कहा कि उनके क्षेत्र में पांच साल से गुंडाराज चल रहा था, जिसका फायदा भाजपा और अन्य पार्टियों को मिला। ऐसे में अगर सिंहस्थ और व्यापमं घोटाले की जांच हो जाए झूठ से पर्दा उठ सकता है, जिसका असर हमें लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
नरेश ज्ञानचंदानी – हुजुर से कांग्रेस प्रत्याशी
हुजूर सीट पर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के बावजूद जीत से कुछ दूर रहे नरेश ज्ञानचंदानी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का किला ध्वस्त हो जाएगा। विधानसभा से स्पष्ट हो गया है कि जनता बदलाव चाहती है, जिसका फायदा कही ना कही आने वाले लोकसभा चुनाव में जरुर मिलेगा।
डॉ. राजेंद्र सिंह -पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। उन्होंने भी टिकट वितरण की खामियां और कमोबेश ऐसे ही कारणों पर रोशनी डाली है।
गौरतलब है कि इससे पहले पार्टी की अनुशासन समिति के पास करीब 135 शिकायतें आई हैं। जिनमे पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक समेत प्रदेश महासचिव और जिला अध्यक्षों के भी नाम हैं। कांग्रेस उम्मीदवारों और जिला अध्यक्षों ने ये रिपोर्ट पीसीसी को सौंपी है। इनको नोटिस भेजे गए हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि हारे हुए प्रत्याशियों से सीधी चर्चा के बाद कमलनाथ ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।