Mother’s Day Special 2023 : मां, फिर चप्पल उठा लो, बच्चे बिगड़ रहे हैं…

mothers days specials

Mother’s Day Special : मां सिर्फ एक शब्द नहीं अपने आप में पूरा संसार है। ये वह शक्ति है जिसे ईश्वर ने सृष्टि के सृजन का भार सौंपा है। आपने अक्सर फिल्मों में सुना होगा कि भगवान हर जगह हर वक्त मौजूद नहीं रह सकता इसलिए उसने मां को बनाया। और हो भी क्यूं न, मां ईश्वर से ज्यादा करुणामयी है, मां ही है जो एक अबोध बालक में अच्छे बुरा के ज्ञान का संचार करती है, मां ही है जिसकी सीख बच्चे को जीवन के हर पहलू से अवगत कराती है। इसलिए मां को प्रथम गुरु का दर्जा भी दिया गया है।

मां भूल गई मां की बातें?

प्रथम गुरु का दर्जा कोई उपाधि नहीं मां के लिए एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। मां के द्वारा सिखाई गई सीख न केवल नन्हे बालक के चरित्र का निर्माण करती है बल्कि राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करती है। लेकिन क्या हो जब मां खुद ही अपनी मां की सिखाई गई हर बात को भूलकर उसे रूढ़िवादी और old fashion बोलकर छोड़ दे? क्या हो जब ममता बच्चे के लिए वरदान नहीं अभिशाप साबित होने लगे। आज की पीढ़ी को देखकर कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है। इस पीढ़ी में अब न तो मां चप्पल का खौफ बचा है और न ही मां के आंचल का मोह।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)