पीसी शर्मा का आरोप – स्मार्ट सिटी के नाम पर कई घर तोड़े, लोगों को होना पड़ा बेघर

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने स्मार्ट सिटी को लेकर बड़ा बयान दिया है।शर्मा ने बीजेपी पर गरीबों के घर तोड़ने का आरोप लगाया है।आज मीडिया से चर्चा करते हुए स्मार्ट सिटी (Smart City) को लेकर पीसी शर्मा ने कहा कि, स्मार्ट सिटी का ज्यादातक काम पिछली 15 महीने की कमलनाथ जी की सरकार (Kamal Nath Government) में ही हुआ है। भाजपा (BJP) के पिछले शासन काल मे भी स्मार्ट सिटी के नाम पर कई घर तोड़े गए, कई लोगो को घर से बेघर होना पड़ा। भाजपा का स्मार्ट सिटी का कॉन्सेप्ट ही सही नही था। उन्होंने कहा लेकिन बावजूद इसके या कंसेप्ट आ गया था उसमें सबसे अधिक काम 15 महीने की कांग्रेस सरकार में ही हुआ।

अवैध अतिक्रमण और केचमेंट इलाके को लेकर पीसी शर्मा ने कहा जहा भी अतिक्रमण है वह तुरन्त हटना चाहिये। पिछली कमलनाथ जी की सरकार में हमने इसको लेकर मास्टर प्लान भी बनाया था। लेकिन अब 8 ओर 9 तारीख को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मीटिंग है उसमे मैं गंभीरता से इस मुद्दे को उठाऊंगा। इसी के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह पर तंज़ कसते हुए कहा कि मंत्री जी को पता ही नही है कि कहा अवैध अतिक्रमण है तो वह अधिकारियों के साथ बैठक करें तो सब पता चल जाएगा की कहा अतिक्रमण है कहा नही।

गोविंद सिंह की पदयात्रा आज से शुरु

पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह (Former Minister Dr. Govind Singh) चंबल और सिंध नदी (Chambal And Sindh River) को बचाने के लिए आज से पद यात्रा शुरू करेंगे। पद यात्रा का शुभारंभ आज गांधी पार्क लहार (Gandhi Park Lahar) से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (Ajay Singh) करेंगे। इस परिक्रमा के जरिए डॉक्टर गोविंद सिंह लोगों को अवैध खनन रोकने को लेकर जागरूक करेंगे। सात दिन चलने वाली यह यात्रा 11 सितंबर को सेवढ़ा के सनकुआ में सिंध नदी के किनारे समाप्त होगा। गोविंद सिंह के द्वारा की जा रही पद यात्रा को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि, डॉ गोविंद सिंह जी हमारे वरिष्ठ नेता है और ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में पानी की अत्यधिक किल्लत होती है। इसलिए वहां यात्रा निकाल रहे है। 9 तारीख को हम भी उस यात्रा में शामिल होंगे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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