5 दिसंबर को कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक, अधिकृत प्रत्याशियों से कमलनाथ करेंगे चर्चा, हार पर होगा मंथन

Atul Saxena
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MP Election 2023 : 150 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस को चुनाव परिणामों ने सिर्फ चौंकाया ही नहीं है बड़ा झटका भी दिया है, मतगणना से एक दिन पहले तक पीसीसी चीफ कमलनाथ को ये कहते सुना गया कि उन्हें किसी निर्दलीय तक की जरूरत नहीं पड़ेगी, यानि वो सरकार बनाने के लिए पूरी तरह आश्वस्त थे, लेकिन जो परिणाम आया वो सबके सामने है, मध्य प्रदेश में कांग्रेस 100 के आंकड़े के नजदीक भी नहीं पहुँच पाई, ये कैसे हुआ? पार्टी अब इतनी बड़ी हार का मंथन करने जा रही है, पार्टी ने इसके लिए 5 दिसंबर 2023 अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है ।

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने एक पत्र जारी कर विधानसभा चुनाव 2023 के लिए पार्टी द्वारा घोषित किये गए सभी अधिकृत प्रत्याशियों को एक पत्र जारी किया है, पत्र में कहा गया है कि 5 दिसंबर 2023 को सभी प्रत्याशी सुबह 11 बजे पार्टी कार्यालय इंदिरा भवन में आवश्यक रूप से उपस्थित रहें।

पार्टी करेगी हार के कारणों पर मंथन 

बैठक को पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ संबोधित करेंगे, इस बैठक में जीते हुए और हारे हुए सभी प्रत्याशियों को शामिल होने के लिए कहा गया है जिनसे चर्चा कर पार्टी ये मंथन करेगी की आखिर सरकार बनाने की पूरी सम्भावना के बीच परिणाम उल्टा कैसे आया, कैसे पार्टी की इतनी बुरी हार हुई, कैसे दिग्गज औए बड़े नेता भी चुनाव हार गए?

अपनी जीत ने भाजपा को भी चौंकाया 

बहरहाल अपने प्रत्याशियों के भरोसे पर 150 से अधिक सीटों को जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस को मात्र 66 सीटें मिलना यानि 2018  के मुकाबले 48 सीटें कम मिलना वाकई चौंकाने वाला है, सिर्फ कांग्रेस ही नहीं भाजपा के कई नेता भी अपनी सीटों के नंबर से आश्चर्यचकित हैं कि 163 सीटों की कल्पना तो उन्होंने भी नहीं की थी, इसलिए कांग्रेस को इस हार पर मंथन करना जरूरी है उर फिर उस पर काम करना और भी जरूरी है जिससे लोकसभा चुनावों में कुछ अच्छे परिणाम वे प्रदेश से दे सकें।

5 दिसंबर को कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक, अधिकृत प्रत्याशियों से कमलनाथ करेंगे चर्चा, हार पर होगा मंथन


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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