भोपाल।
शिक्षक पात्रता परीक्षा को हुए पांच महीने बीत चुके है, लेकिन अबतक पीईबी ने परिणाम घोषित नही किए है। देरी के चलते शिक्षक बनने का सपना देख रहे उम्मीदवारों में आक्रोश बढ़ने लगा है। कई बार वे कलेक्टर और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंप चुके है और रिजल्ट घोषित कर जल्द नियुक्ति देने की मांग कर चुके है लेकिन अबतक आश्वासन के सिवाय कुछ नही मिला है। कुछ ने तो इस मामले में हाईकाेर्ट में याचिका दायर कर दी है। वही पीईबी ने देरी के लिए परीक्षा को लेकर आई आपत्तियों को कारण बताया है।हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई जवाब नही मिला है।
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दरअसल, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के करीब 90 हजार पद खाली हैं। इसी कमी पूरी करने के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) ने फरवरी और मार्च में 28 हजार पदों पर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा करवाई थी।इस परीक्षा में करीब 7 लाख उम्मीदवार शामिल हुए हैं। नियम के मुताबिक परीक्षा के 45 दिन के अंदर परिणाम घोषित करना होता है, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते पीईबी ने रिजल्ट घोषित नहीं किया। चुनाव के तत्काल बाद रिजल्ट घोषित करना था, लेकिन अब तक यह पीईबी में अटका हुआ है।
पीईबी दे रहा यह तर्क
वहीं पीईबी इसका कारण परीक्षा को लेकर आई आपत्तियों के बता रहा है।अधिकारियों का कहना है कि इस परीक्षा में विषयों की संख्या अधिक है। हर विषय में 450 से 500 आपत्तियां आई हैं। यह परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों पर उम्मीदवारों द्वारा ही दर्ज कराई गई हैं। इनके निराकरण के लिए कमेटियां गठित कर दी गई हैं। निराकरण होते ही रिजल्ट घोषित किए जाएंगे। अधिकारियों द्वारा अगस्त के अंत तक रिजल्ट घोषित होने की बात कही जा रही है।
उम्मीदवारों में बढ़ता आक्रोश
वही उम्मीदवारों का कहना है कि स्कूल सत्र शुरु हो चुका है और परिणाम घोषित नहीं होने से हजारों युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है। पात्र शिक्षक की नियुक्ति न होने से स्कूली बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी हो रहा है । पीईबी और शासन के इस रुख के कारण उन्हें बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है।उम्मीदवारों ने पीईबी और सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द परिणाम घोषित किए जाए, वरना कई अभ्यर्थी अवसाद में चले जाएंगे।