भोपाल। राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टियां अब तैयारियों में लग गई हैं। इस हफ्ते राज्यसभा चुनाव का ऐलान भी होने की उम्मीद है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस में सियासी हलचल बढ़ गई है। प्रदेश की तीन सीटों पर चुनाव होना है। इन तीन सीटों पर चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी की नियु्क्ति के बाद अब इसी हफ्ते चुनावी तैयारियों का ऐलान हो सकता है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल 9 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। लिहाजा मार्च माह में इन चुनावों को कराया जाना है। इसके लिए केन्द्रीय चुनाव आयोग पूर्व में ही विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त कर चुका है। राज्यसभा के निर्वाचन का समय नजदीक आते ही भाजपा और कांग्रेस में सियासी सरगर्मिंया बढ़ गई हैं। बैठकों का दौर जारी है और प्रत्याशी चयन को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
भाजपा को हो सकता है एक सीट का नुकसान
इस बार के राज्यसभा चुनावों में फिजा बदली हुई है। 15 साल साा से दूर रही कांग्रेस अब सरकार में है। उसके विधायकों की संख्या भी 114 है, लिहाजा इन चुनावों को लेकर वह उत्साहित है। इस बार विधायकों की संख्या के मान से उसे दो सीटें मिलना तय मानी जा रही है। वहीं पिछली बार दो सीटों पर अपने सदस्य राज्यसभा भेजने वाली भाजपा का एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। राज्यसभा के चुनाव में एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 58 विधायकों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास इस समय बसपा के दो, समाजवादी पार्टी के एक समेत चार निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में दो सीटों पर उसका दावा मजबूत है।
एक सीट पर चुनाव कराएगी भाजपा
भाजपा के सूत्रों की माने तो पार्टी एक सीट मिलने के बाद दूसरी सीट पर भी अपना दावा ठोकेगी और इस सीट के लिए वह अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी। पूर्व में हुए राज्यसभा चुनाव में विवेक तन्खा के खिलाफि भी उसने अपने उपाध्यक्ष विनोद गोटिया को मैदान में उतारा था। हालांकि उसके पास दूसरी सीट के लिए विधायकों की पर्याप्त संया नहीं है। एक सीट पर 58 विधायकों के बाद उसके पास महज 51 विधायक बचते हैं पर वह आत्मा की आवाज पर वोट देने की अपील विधायकों से कर सकती है।
दिग्विजय, सिधिंया हो सकते हैं कांग्रेस से प्रत्याशी
राज्यसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चाए सरगर्म हैं वहीं दूसरी सीट के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम राजनीतिक वीथिकाओं में चल रहा है। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव का नाम भी उमीदवार के रूप में लिया जा रहा है।
भाजपा में प्रभात-कैलाश के नाम : भाजपा में प्रभात झा को एक बार फिर रिपीट किए जाने के आसार हैं। प्रभात लगातार दो बार से एमपी से राज्यसभा में जा रहे हैं। संघ नेताओं से नजदीकियों के चलते उनकी दावेदारी फिर से बन रही है। उनके अलावा कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। कैलाश फिलहाल पार्टी महासचिव होने के साथ साथ पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी हैं।