भोपाल । शिवराज काल में जिस दागी अफसर की बहाली के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह ने सीएम हाउस पहुंचकर लिखित शिकायत करते हुए सरकार पर आरोप लगाए थे| अब उसी दागी अफसर के विरुद्ध कार्रवाई की जगह इनाम देने की तैयारी चल रही है| इतना ही नहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ और वाणिज्यिक मंत्री ब्रजेंद्र सिंह राठौर को धोखे में रख दागी अधिकारी ईनाम पाने की जुगत में लगे है| आश्चर्य इस बात का है कि जिन आबकारी कमिश्नर और पीएस को इसकी जानकारी मुख्यमंत्री और मंत्री को देना थी वो इन दागी अफसरों को इनाम देने के लिए पोस्टिंग और प्रमोशन देने के लिए नोटशीट चला चुके हैं|
जिन दागी और भ्रष्ट आबकारी अफसरों के विरुद्ध लोकायुक्त प्रकरण दर्ज है, आय से अधिक सम्पत्ति का छापा डाला गया, शासन स्तर से आरोप-पत्र जारी कर डीई जैसी विभागीय कार्यवाहियाँ जारी है और पुलिस में दर्ज अपराधिक प्रकरण में भी जाँच व कार्यवाही जारी है, ऐसे तीन अधिकारी संजीव दूबे जो फिलहाल देवास में पदस्थ है, एन.एस.जामोद जो आबकारी मुख्यालय ग्वालियर में पदस्थ है और पराक्रम सिंह चंद्रावत जो लोकायुक्त छापे के बाद आबकारी मुख्यालय में अटेच है|
ये तीनो कांग्रेस सरकार में चुपचाप मलाईदार जिले में पदस्थ होने और पदोन्नती पाने की सेटिंग में लगे हुए है । इससे आबकारी कमिशनर रजनीश श्रीवास्तव की भूमिका सवालों के घेरे में है| वहीं बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले क्या यह कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश है| नए मंत्री और मुख्यमंत्री को साधने के लिए दागी आबकारी अफसर अपने हिसाब से जमावट में भी लगे हुए हैं|