Vidisha Commission Notice : जिला अस्पताल विदिशा की मर्चुरी में रखे एक बुजुर्ग के शव की नाक व दोनों हाथों की अंगुलियों को चूहों ने कुतर दिया। बीते शनिवार को जब पीएम के लिये डाक्टर्स पहुंचे, तब इसका पता चला। पीएम के बाद शव के चेहरे पर पट्टी बांध दी गई थी, ताकि कुतरी इुई नाक न दिख सके। ऐसा इसलिये हुआ, क्योंकि शव फ्रीजर में न रखकर रातभर जमीन पर ही पड़ा रहा। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर जिला चिकत्सालय की व्यवस्था/प्रबंधन में हुई त्रुटि के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह था मामला
दरअसल विदिशा में रहने वाले 78 वर्षीय रमेश कामरेड महाराष्ट्र के रहने वाले थे, वह अकेले ही विदिशा में रहते थे. शुक्रवार को 4:00 बजे के करीब रामलीला चौराहे से चाय पीकर वह वापस घर आ रहे थे. इसी दौरान तेज रफ्तार में आ रही बुलेट गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनकी सिर और गर्दन में चोट आई, आसपास मौजूद लोगों ने उनके दोस्त सुरेंद्र दुबे को कॉल करके बुलाया फिर उनको जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती करा, जहां इलाज के दौरान शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया।
अस्पताल पर लगे गंभीर आरोप
एक्सीडेंट का मामला होने के कारण शव का पोस्टमार्टम होना था, रात होने के कारण शव को मोर्चरी रूम में रखवा दिया, जहां रात भर शव को चूहों ने कुतर दिया, वहीं उनके परिचितों ने नाराजगी जाहिर की है, मृतक के मित्र सुरेंद्र दुबे ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया, उनका कहना था कि कल जब हमने उन्हें जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया था तो उनके कोई भी अंग क्षतिग्रस्त नहीं था, लेकिन सुबह जब देखा तो चूहों ने शव की नाक और हाथ को कुतर दिया था।