मध्यप्रदेश (madhypradesh) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों(Contract health workers) के लिए राहत की खबर है। ऑल इंडिया एनएचएम संघ (All India NHM Union) ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों को संज्ञान में लिखा है।इसके लिए संघ ने मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव व मिशन संचालक(Health Minister, Principal Secretary and Mission Director) को चेतावनी पत्र जारी किया है।इसकी जानकारी खुद संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मप्र के प्रांताध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान ने दी है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। ये कोरोना से लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं, जिनकी देशभर में सराहना की जा रही है, लेकिन मध्य प्रदेश के ये कर्मचारी सरकार से लंबे वक्त से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।हाल ही में इन कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ काला दिवस मनाया था। इस दौरान प्रदेश भर के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काली पट्टी , काले कपड़े, काला मास्क, काला चश्मा और काली टोपी लगाकर काम किया था।इस संघर्ष का असर हुआ है और ऑल इंडिया एनएचएम संघ ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों को संज्ञान में लिया है।संघ ने राष्ट्रीय स्तर पर मामला उठाने व मध्यप्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया है।
कर्मचारियों का आरोप है कि प्रदेश सरकार लगातार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को उपेक्षित व शोषित कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर 2 वर्ष पहले पांच जून के दिन सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा नीति घोषित की थी। इसमें संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण और नियमितिकरण प्रक्रिया पूरी होने तक रेगुलर कर्मचारियों के सब कार्ड से 90 प्रतिशत वेतन देने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सरकार के निर्देशों को 2 वर्ष होने को है। लेकिन अब तक इन्हें लागू नहीं किया।