भोपाल/नई दिल्ली।
एमपी के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने सीबीआई के नए निदेशक का आज सोमवार को सुबह कार्यभार संभाल लिया है। शुक्ला को दो साल के लिए सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया है। सीबीआई में उनका कार्यकाल 31 अगस्त 2020 तक रहेगा। 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला ने ऐसे समय में सीबीआई का कार्यभार संभाला हैं जब सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच जमकर विवाद चल रहा है। इसको लेकर केन्द्र तथा पश्चिम बंगाल सरकारें एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं।कहा जा रहा है कि बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीबीआइ के बीच रार पर शुक्ला की नजर रहेगी।
दरअसल, CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से विवाद के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई के प्रमुख के पद से हटाए जाने के 20 दिन बाद शनिवार को मध्यप्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया प्रमुख नियुक्त किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उन्हें सीबीआई चीफ बनाने का फैसला किया। आईपीएस आर के शुक्ला ने सोमवार सुबह सीबीआई निदेशक का पद संभाला लिया है। मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी और खुफिया विभाग के अनुभवी अधिकारी शुक्ला के पूर्ण निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से एजेंसी के कामकाज में स्थिरता आने की संभावना है। एजेंसी पहले ही पोंजी घोटाला मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला कर चुकी है।
खड़गे ने जताई थी नियुक्ति पर आपत्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली चयन समिति में शामिल कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा है कि शुक्ला को भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच का अनुभव नहीं है। हालांकि, पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र कुमार ने कहा था, ”सीबीआई निदेशक के तौर पर शुक्ला का चयन सभी मानकों को ध्यान में रखकर किया गया है। खड़गे का दावा तथ्यों से परे है। कांग्रेस नेता अपने पसंदीदा अफसर की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
अविभाजित मध्यप्रदेश के रायपुर में हुई थी शुक्ला की पहली पोस्टिंग
ऋषि कुमार शुक्ला मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं ।उनका जन्म 23 अगस्त 1960 में हुआ था। शुक्ला को मेहनती, ईमानदार और बेदाग छवि का अफसर माना जाता है। बीकॉम तक पढ़ाई करने के बाद 1983 में वे भारतीय पुलिस सेवा में आए थे, प्रशिक्षण के बाद शुक्ला की पहली पद स्थापना 1985 में अविभाजित मध्य प्रदेश के रायपुर जिले में सीएसपी के तौर पर की गई थी। उसके बाद वे एएसपी शिवपुरी बनाए गए थे। वर्ष 1987 में उन्हें जिले की कमान सौंपी गई थी। एसपी के तौर पर उनकी पहली पद स्थापना दमोह जिले में की गई थी, उसके बाद वे एसपी शिवपुरी, एसपी मंदसौर और एसपी पीटीएस इंदौर रहे हैं। शुक्ला वर्ष 1992 से 1996 तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे। लौटने के बाद उन्हें एआईजी प्रशासन और डीआईजी सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्ष 2004 में वे एक बार फिर प्रतिनियुक्ति में चले गए थे और 2007 में वापस आए थे। प्रतिनियुक्ति के दौरान वे सीबीआई में पदस्थ थे। उनकी पदस्थापना भोपाल में आईजी सीबीआई के तौर पर थी। प्रदेश वापसी के बाद आईजी एसएएफ भोपाल, आईजी सुरक्षा और आईजी एसटीएफ के पद पर रहे हैं। उसके बाद एडीजी रेल, एडीजी इंटेलीजेंस, एडीजी एसएएफ, डीजी होमगार्ड और अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के पद पर पदस्थ रहे हैं। वर्ष 2009 से 2012 तक वे एडीजी इंटेलीजेंस के पद पर रहे हैं, उन्हें जून 2016 में प्रदेश का डीजीपी बनाया गया था और उन्होंने डीजीपी सुरेंद्र सिंह के रिटायरमेंट के बाद यह कार्यभार संभाला था। इससे पहले वे मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में चेयरमैन के पद पर कार्य कर रहे थे।
शुक्ला के कार्यकाल पर एक नजर
-मध्यप्रदेश में BJP सरकार में DGP रहे ऋषि शुक्ला 59 साल के हैं और इस समय पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रमुख थे।
-1983 बैच के आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला मूलतः ग्वालियर के रहने वाले हैं
-उन्हें सीबीआई में काम करने का तो कोई अनुभव नहीं है, मगर इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम कर चुके हैं।
-ऋषि कुमार शुक्ला को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने पांच दिन पहले 29 जनवरी को डीजीपी पद से हटाया था।
-शुक्ला अगस्त, 2020 में सेवानिवृत्त हो जाते, लेकिन सीबीआई प्रमुख बनने के बाद उनका कार्यकाल फरवरी, 2021 में खत्म होगा।
-शुक्ला मध्यप्रदेश के डीजीपी के तौर पर 30 जून, 2016 को चुने गए थे। इस पद पर वह 29 जनवरी, 2019 तक रहे।