भोपाल। विधानसभा चुनावी समर में इस बार वायरल वीडियो, अॉडियो और पत्रों का बहुत जोर है। शुक्रवार को आरएसएस के वायरल पत्र ने राजनीति में खलबली मचा दी। जिसके बाद अब संघ की ओर से इस पत्र को लेकर सफाई दी गई है। कथित पत्र को संघ ने पूरी तरह से फर्जी करार दिया है। पत्र में कही गई बातों से संघ का कोई संबंध नहीं है। संघ कभी भी इस प्रकार का कोई सर्वे नहीं करता है। संघ की रचना में ‘दल प्रमुख, सर्वे एवं जनमत’ जैसा कोई पद या दायित्व भी तय नहीं है, इसलिए यह पत्र पूरी तरह झूठ पर आधारित है।
जारी बयान में कहा गया है कि शरारती तत्वों ने राजनीतिक लाभ पाने की मंशा से समाज में भ्रम का वातावरण बनाने की दृष्टि से यह फर्जी पत्र बनाया है। जिन लोगों को जनता पर भरोसा नहीं, वह ही इस प्रकार का अनुचित प्रयास कर सकते हैं। संघ इस प्रकार के शरारती प्रयत्नों की निंदा करता है।
गौरतलब है कि संघ की सर्वे रिपोर्ट का तथाकथित पत्र वायरल हुआ था। जिसमें बीजेपी की हालत बेहद खराब बताई गई थी, इस पत्र में कांग्रेस को 142 सीटों पर मजबूत और भाजपा को सिर्फ 68 सीटों पर जीत मिलने की आशंका जाहिर की गई थी। जिस तरह पिछले दिनों चुनावी समय में पत्र और प्रत्याशियों की सूचियां वायरल हो चुकी है, इसी तरह यह पत्र भी वायरल हो रहा है, जिसको लेकर बीजेपी ने कहा है कि यह गलत है, इसकी शिकायत की जायेगी। वहीं संघ के वायरल लेटर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा हमें संघ के सर्वे की जरूरत नहीं| हमारे लिए आम जनता ही सर्वेयर है| मध्य प्रदेश की जनता ने मन बना लिया है इस बार बीजेपी को घर बैठाने का |