कार्यवाही खत्म होते ही जज पर भड़की साध्वी प्रज्ञा, बोलीं- मुझे फांसी पर चढ़ा दो

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भोपाल/मुंबई।

मालेगांव धमाकों की आरोपी और भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट में पेश हुईं। भोपाल लोकसभा सीट से जीतने और जमानत से बाहर आने के बाद पहली बार मुख्य आरोपी ठाकुर पहली बार मुंबई स्थित अदालत में पेश हुई थी। एनआईए की विशेष अदालत के न्यायमूर्ति वी. एस. पडालकर ने जब साध्वी से पूछा कि धमाके के बारे में उन्हें कुछ कहना है तो उन्होंने कहा मुझे कुछ नहीं पता। लेकिन जैसे ही कोर्ट की कार्यवाही खत्म हुई, साध्वी प्रज्ञा जज पर भड़क उठी और कुर्सी को लेकर नाराजगी जाहिर की। साध्वी प्रज्ञा कोर्ट में सुनवाई के लिए दोपहर करीब 2.45 बजे पहुंचीं थीं।

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          दरअसल, साध्वी प्रज्ञा कोर्ट में सुनवाई के लिए  2 बजकर 45 मिनट पर आईं। शुक्रवार सुबह सुनवाई की शुरुआत में विशेष न्यायाधीश वी एस पडालकर ने उन्हें कमरे के पीछे आरोपियों के लिए बनाए गए बाड़े में बैठने के लिए कहा। इससे पहले कि वह बाड़े के अंदर लकड़ी की बेंच पर बैठतीं, उनके सहयोगियों ने एक लाल मखमल का कपड़ा उस पर बिछा दिया। ठाकुर मामले के सह-आरोपी सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी के साथ वहां बैठ गईं। बाद में, जब न्यायाधीश ने उन्हें गवाह के लिए बने सामने वाले कठघरे में बुलाया और पूछा कि क्या आपको कुर्सी चाहिये, तो ठाकुर ने कहा कि वह खिड़की के सहारे खड़ा रहना पसंद करेंगी। इस वाकये के लगभग 15 मिनट के बाद लंच के लिए थोड़ी देर के लिए सुनवाई रोकी गई। इसके बाद जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो न्यायाधीश ने फिर पूछा, ‘मैं मानवीय आधार पर पूछ रहा हूं कि क्या आप बैठना चाहती हैं या खड़ी रहना चाहती हैं?’ ठाकुर ने कहा कि उन्हें गले में संक्रमण है जिसके कारण उन्हें सुनने में समस्या है। तब न्यायाधीश ने यह कहते हुए कठघरे के पास एक कुर्सी रखने का आदेश दिया कि अगर वह चाहती हैं तो वह बैठ सकती हैं। हालांकि, ठाकुर कठघरे के पास अगले ढाई घंटे तक खड़ी रहीं। 

लेकिन जैसे ही शाम 5 बजकर 15 मिनट पर जज कोर्ट से बाहर निकले वे चीखने लगीं।अपने वकील को बुलाकर बताया कि ये क्या तरीका है बुलाते हैं लेकिन ना तो ठीक से बैठने की जगहं है ना खड़े रहने की। मेरी कंडीशन क्या है उन्हें पता नही है।गुस्से से तिलमिलाई साध्वी प्रज्ञा ने अपने वकील पर लगातार चिल्लाती रहीं। उन्होंने कहा कि खराब तबियत होने के बावजूद मुझे बैठने के लिए ऐसी कुर्सी दे दी। कटघरे में बेंच है। क्या मैं इस पर बैठ सकती हूं? उन्होंने कहा कि वह लंबे समय तक खड़ा नहीं हो पाती हैं, ऐसे में न्यायाधीश उन्हें ऐसी कुर्सी देकर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। बुलाते हैं तो कम से कम बैठने की जगहं तो दें। इससे तो अच्छा है मुझे फांसी पर चढ़ा दें।

गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर को गुरुवार को अदालत में पेश होना था, लेकिन तबियत खराब होने की वजह से वो नहीं जा सकीं। उनके वकील ने जानकारी दी कि वो कमर दर्द और हाई ब्लड प्रेशर के कारण पेश नहीं हो सकीं। गुरुवार को खबर आयी थी कि प्रज्ञा ठाकुर बीमार हैं और वे अस्पताल में भर्ती हैं। शहर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। उनकी आंत में इंफेक्शन, कमर में दर्द और हाई ब्लड प्रेशर बताया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें दो दिन अस्पताल में भर्ती रहने की सलाह दी थी।


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