भोपाल।
भोपाल लोकसभा सीट के प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला ईवीएम मशीन में कैद हो गया है। इसके लिए भोपाल की पुरानी जेल में स्ट्रांग रूम बनाया गया है, साथ ही सुरक्षा कड़े इंतजाम किए गए है।वही पहली बार बीजेपी-कांग्रेस के प्रतिनिधि एक साथ ईवीएम की सुरक्षा में तैनात है, उनकी बैठक की अलग से व्यवस्था की गई है। देशभर की निगाहें भी भोपाल पर टिकी हुई है , क्योंकि इस बार मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय और बीजेपी प्रत्याशी साध्वी के बीच का है।दोनों ही प्रत्याशी ईवीएम पर अपनी नजरें जमाए बैठे। इसी बीच मंगलवार देर रात स्ट्रांग रूम का जायजा लेने पहुंची साध्वी ने ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए।
दरअसल, मंगलावर देर रात भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा पुरानी जेल में स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था देखने पहुंची। यहां उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया। स्ट्रांग रूम तक गई और बाहर आकर मीडिया से कहा कि वे ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है।हालांकि वह ज्यादा बात नही कर पाई तो उनके स्थान पर उमा शंकर गुप्ता ने बयान दिए। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का मानना है कि चुनाव मैनेजमेंट से जीते जाते हैं इसलिए कुछ भी हो सकता है। हमारा भविष्य भी ईवीएम में कैद है और वो यहां रखा हुआ है इसलिए हम निरीक्षण करने पहुंचे। यहां देखने के बाद लगा कि सुरक्षा और मजबूत होनी चाहिए। इसकी शिकायत वे बुधवार को जिला निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से लिखित में करेंगी। वही उन्होंने स्ट्रांग रुम के बाहर सीआरपीएफ के जवानों द्वारा पहरा देने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि ये जवान यहां बाहर क्यों पहरा नहीं दे रहे हैं। यहां भी सीआरपीएफ सहित अन्य सुरक्षा एजेंसी के लोग तैनात किए जाने चाहिए। वहीं अंदर दो कैमरे और लगाकर छत की तरफ का मूवमेंट भी प्रत्याशियों के प्रतिनिधि को दिखाने के लिए कहेंगे।
वही दूसरी तरफ अपने बयानों से किरकिरी करवा चुकी साध्वी को भाजपा ने 19 तक चुप रहने की सलाह दी है।वही उनके साथ रहने वालों को सचेत कर दिया गया है कि वे मीडिया से अनावश्यक बातचीत न करें और 19 मई के आखिरी चरण के मतदान तक किसी तरह के विवादास्पद बयानबाजी से बचें।इन्ही कारणों ने पार्टी ने साध्वी को स्टार प्रचारक की सूची में नही रखा है। पार्टी को डर है कि कही आखरी दौर में साध्वी गलत बयानबाजी करके खेल ना बिगाड़ दे।पार्टी नेताओं की मानें तो मालवांचल में भाजपा किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। इंदौर लोकसभा क्षेत्र में मराठी मतदाताओं की संख्या भी बहुत ज्यादा है, जो साध्वी के शहीद वाले बयान से पहले ही खफा हैं। इसी के चलते 19 तक उन्हें मौन रहने तो कहा गया है।