सोशल मीडिया पर SAF जवान का पत्र  वायरल, मुख्यमंत्री को कुछ यूँ सुनाई अपनी व्यथा 

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ग्वालियर। किसानों का कर्ज माफ़ करने वाले, कांग्रेसियों पर भाजपा शासनकाल में लादे गए मुक़दमे वापस लेने और मायावती के कहने पर दलितों के खिलाफ 2 अप्रैल को दर्ज किये मुक़दमे वापस लेने की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश के विशेष सशस्त्र बल यानि SAF के एक जवान ने मार्मिक पत्र लिखा है। पत्र में उसने सवाल उठाया है कि SAF जवानों की जिंदगी सरकार और पुलिस अधिकारी क्यों बर्बाद करते हैं। 

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इस पत्र के अधिकृत होने की पुष्टि नहीं करती, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र को अपने पाठकों तक पहुंचाना चाहती है। पत्र ने जवान ने लिखा— सर, बड़ी आशा के साथ आप से कह रहा हूँ कि मध्यप्रदेश में SAF के जवानों की दयनीय स्थिति है। हमें बटालियनों में कम्पनियो में बांट दिया जाता है और एक तहसील या जिला मुख्यालय में भेज दिया जाता है, वहां भी बेकार में भटकाया जाता है। वर्तमान में इन कम्पनियो में जो पोस्ट लगाए जाते है उनमें एक-चार या एक-तीन या कहि एक दो तक का जवान लगाया जाता है।   

SAF की इन कंपनियों को आठ महीने में फिर मुख्यालय बुला लिया जाता है। क्या उच्च अधिकारियों को SAF पर भरोसा नहीं जो इधर से उधर घुमाया जाता है और आने जाने की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है । जवान चारपाई, बिस्तर, किट, पेटी, बैग लेकर पोस्ट बदली के तुगलकी फरमान पर चलता है।  मैं इस सन्दर्भ में आपको कुछ फ़ोटो तथा वीडियो भी भेजूंगा। आप इस पर अध्यन कर जरूर हमें इंसाफ दिलाएं,  क्योंकि हम निराधार है, न हड़ताल कर सकते हैं न कुछ और। दर दर भटकते हैं अपनी देश भक्ति और जन सेवा के लिए।   हमारा वेतन सभी पुलिस कर्मचारियों के समान ही है पर वरिष्ठ अधिकारी SAF को आज भी पुराने ढर्रे पर ही चलाना चाहते हैं और SAF को आज भी पुराने खुरपे ही समझते हैं । जबकि आज राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री,और सभी VIP  की सुरक्षा SAF ही करती है।  ATS, STF, CRIME  STF, जिसने सिमी और व्यापमं जैसे अनसुलझे मामलों को भी सुलझा ही दिया। पी एच क्यू से सीबीआई,लोकायुक्त,वल्लभ भवन तक SAF के जवान अपनी योग्य सेवा दे रहे हैं । हमें प्रतिनियुक्ति पर कहीं भी  भेजा जा सकता है लेकिन SAF से जिला बल में नहीं भेजा जा सकता क्योंकि SAF के जवान लायक नहीं होते जबकि SI के चयन में सबसे ज्यादा  SAF के जवान सिलेक्शन होते हैं। हमारी ट्रेनिंग का स्तर भी पुलिस की सभी शाखाओं की ट्रेनिंग में सबसे उच्च कोटि का है  फिर भी हमारा स्थानान्तरण अन्य नहीं किया जा सकता है, जबकि हमे छोड़कर पुलिस की सभी शाखा के जवान और अधिकारी किसी भी शाखा में  स्थान्तरित हो सकते हैं | पुलिस विभाग के अधिकतम नेशनल खिलाड़ी SAF के होते हैं, अधिकतम नेशनल शूटर SAF के होते हैं, पुलिस विभाग का मूल ही SAF है पर ये ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों की बद-नीतियों का शिकार है।  आपको सबसे श्रेष्ठ SAF से ही चाहिए। तो SAF को अलग थलग मत करिये, जब DSP के स्तर से ऊपर के अधिकारी का स्थानान्तरण सब जगह हो सकता है तो सिर्फ जवान के बंधन क्यों ?

-आपका सिपाही सादर नमन।। जयहिंद जय भारत।

जवान के इस पत्र ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है।  हालाँकि ये पता नहीं चल सका है कि ये पत्र ग्वालियर में स्थित SAF  के किसी जवान ने लिखा है या प्रदेश में कहीं और तैनात SAF  की कम्पनी में पदस्थ किसी जवान ने लिखा है।  बहरहाल SAF में पदस्थ  सभी सिपाही पत्र की बात पर सहमति जता रहे हैं और पत्र  लिखने वाले जवान की हिम्मत को सलाम कर रहे हैं।  हालाँकि उन्हें ये डर भी है कि कहीं पत्र लिखने वाले जवान का नाम खुल गया तो उसके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई ना हो जाये।    


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