SAHARA Fraud : फिर मुश्किल में SAHARA प्रमुख, सुब्रत राय सहित 8 पर धोखाधड़ी का केस दर्ज, निवेशकों के 1.92 करोड़ रूपए हड़पने का आरोप

Kashish Trivedi
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SAHARA Fraud, Subrata Roy FIR : निवेशकों के करोड़ों रुपए हड़पने के आरोपों के बीच देश के विभिन्न राज्यों में सहारा इंडिया कंपनी और इनके प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ आए दिन नवीन केस दर्ज हो रहे हैं। इसके साथ ही उन पर गंभीर आरोप भी लग रहे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी सहारा इंडिया कंपनी सहित चेयरमैन सुब्रत रॉय सहित पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। सहारा इंडिया कंपनी सहित प्रमुख सुब्रत राय और अन्य अधिकारियों पर धारा 420, 409 और 120 बी के तहत FIR दर्ज किया गया है।

सुब्रत राय सहित 8 लोगों पर धोखाधड़ी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज

सुब्रत राय और उनकी कंपनी सहारा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। एमपी नगर थाना पुलिस द्वारा सहारा कंपनी के चेयरमैन सुब्रत सहारा उनकी कंपनी के मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय प्रबंधक, जोन प्रबंधक समेत कंपनी के निदेशक मिलाकर करीब 8 लोगों पर धोखाधड़ी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिन 8 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उसमें कंपनी के चेयरमैन और संस्थापक सुब्रत रॉय के अलावा जोनल प्रबंधक शिवाजी सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक सत्य प्रकाश श्रीवास्तव निदेशक बीके श्रीवास्तव व अलख सिंह, करुणेश अवस्थी और दिनेश कुमार श्रीवास्तव शामिल है।

83 निवेशकों ने सहारा के खिलाफ पुलिस में की शिकायत 

83 निवेशकों ने सहारा के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। निवेशकों का कहना है कि कंपनी द्वारा कई योजनाओं के नाम पर उनसे निवेश कराया गया था लेकिन इस समय अवधि और मेच्योरिटी डेट पूरी होने के बाद भी निवेशकों के करीब 1.92 करोड़ राशि का भुगतान नहीं किया गया है। कंपनी निवेशकों के 1.92  करोड़ रुपए लौटाने को राजी नहीं है।

मैच्योरिटी पर मिलना था 91 करोड़ 61 लाख 36 हजार रुपए का लाभ

दरअसल एमपी नगर जोन 1 में सहारा इंडिया का कार्यालय संचालित है। भोपाल निवासी जगदीश मूलचंदानी समेत 83 लोगों द्वारा एमपी नगर थाने में सहारा द्वारा उनके पैसे हड़पने का आरोप लगाया है। इस मामले में जांच अधिकारी एसआई आरके मिश्रा का कहना है कि सभी पीड़ित द्वारा सहारा इंडिया की कंपनी की अलग-अलग योजना और फिक्स्ड डिपॉजिट में करीब 80 लाख रुपए निवेश किए गए हैं। वही इस निवेश के एवज में मैच्योरिटी पर उन्हें 91 करोड़ 61 लाख 36 हजार रुपए लाभ के मिलने थे। निवेशकों द्वारा 2012 से रुपए निवेश किए जा रहे हैं।

गिरफ्तारी की शुरुआत जल्द- पुलिस अधिकारी 

वही मेच्योरिटी डेट पूरे होने के बाद भी किसी निवेशक को उनके रुपए और ब्याज वापस नहीं मिले हैं। मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तारी की शुरुआत जल्द से जल्द की जाएगी। हालांकि यह पहला मामला नहीं है, जहां सहारा कि निवेश कंपनियों द्वारा निवेशकों के पैसों को हड़पा गया है। बचत योजनाओं के नाम पर पूरे उत्तर भारत में सहारा इंडिया और उसकी संचालित चिटफंड कंपनी द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। यह कंपनी लोगों से पैसा ले रही है लेकिन मैच्योरिटी होने के बावजूद निवेशकों को उनके पैसे और ब्याज की राशि की अदायगी नहीं की जा रही है। ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों में सहारा इंडिया के खिलाफ निवेशकों द्वारा रकम हड़पने की प्राथमिकी दर्ज कराकर उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जा रही है।


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