भोपाल।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में गुटबाजी खत्म होने का नाम ही नही ले रही है।नेता अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े कर रहे है। अब कमलनाथ सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर इंदौर लोकसभा सीट को सीरियली नही लेने का आरोप लगाया है ।उन्होंने कहा कि इस बार हम इंदौर सीट जीतने की स्थिति में हैं, लेकिन हाल में हुई घटना नेताओं का सीरियस नहीं होने का उदाहरण है। इंदौर लोकसभा सीट को हमारी पार्टी और नेताओं ने कभी सीरियसली नहीं लिया। वर्मा के इस बयान के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, बीते दिनों दिग्विजय इंदौर पहुंचे थे और उन्होंने दावेदारों को लेकर कार्यकर्ताओं की राय जानी। इस बीच दिग्गी ने विनय बाकलीवाल से पूछ लिया कि क्या तुम लोकसभा लड़ना चाहते हो। इच्छा है तो बोलो, मैं सीएम से बात करता हूं।इसी बीच कमलनाथ का उनको फोन आ गया। दिग्विजय ने फोन पर स्पीकर ऑन कर के बात करते हुए सीएम से बाकलीवाल की उम्मीदवार राय मांगी। जिस पर कमलनाथ ने उन्हें कमजोर उम्मीदवार करार दिया। जब दिग्विजय ने कमलनाथ को बताया कि फोन स्पीकर पर है तो कमलनाथ ने कहा कि अच्छा कैंडिडेट रहेगा। इसको लेकर अभी मामला ठंड़ा ही हुआ था कि अब वर्मा ने बयान देकर फिर सियासत गर्मा दी है। पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपने ही नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता के नाते दिग्विजय सिंह को ऐसा नहीं करना था। ऐसा करने से संदेश गलत जाता है। वैसे भी लोकसभा चुनाव के टिकट के लिए नियम और गाइडलाइन है। सभी वरिष्ठ नेताओं के समन्वय से टिकट तय होता है।
वही उन्होंने पार्टी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने इंदौर सीट को कभी गंभीरता से लिया ही नहीं। अभी जो दो तीन दिन में घटनाक्रम हुए, वह इस बात के संकेत हैं। मुख्यमंत्रीजी काफी वरिष्ठ और गंभीर राजनेता हैं, जिन्होंने राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।मै चाहता हूं कमलनाथ इंदौर प्रत्याशी चयन अपने विश्वस्त लोगों की सलाह से करे। अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर वर्मा ने हलचल मचा दी है।