सत्याग्रह को न सता रही सर्दी, न डिगा रही भूख, सीएए के खिलाफ डटे प्रदर्शनकारी

भोपाल। सीएए और एनआरसी के विरोध में पिछले छह दिनों से लगातार सत्याग्रह कर रहे युवाओं का जोश कड़कड़ाती सर्दी में भी बरकरार है। सख्त सर्द रातों में युवाओं की टोलियां सत्याग्रह स्थल पर जुट रहीं हैं और अपनी मांग दोहराते हुए कानून संशोधन को वापस लेने की आवाज बुलंद कर रही हैं। इस दौरान कई धर्म, जाति, वर्ग और समुदाय के लोग यहां पहुंचकर सत्याग्रह को समर्थन देते हुए सत्याग्रहियों की हौसला अफजाई कर रहे हैं।

सर्द हवाओं के बीच खुले मैदान पर चंद रजाईयों और इक्का-दुक्का अलाव के साथ युवाओं ने अपना सत्याग्रह जारी रखा है। इकबाल मैदान पर एक जनवरी से लगातार जारी सत्याग्रह के दौरान युवाओं की टोलियां अपनी जिम्मेदारी मानकर पहुंच रही हैं और सीएए और एनआरसी को काले कानून की संज्ञा दे रही हैं। यहां जुटने वाले युवाओं मेंं लड़कियों की भी बड़ी तादाद है। लगातार जारी धरने के  दौरान जहां अलग-अलग वक्ता अपनी बात रख रहे हैं, वहीं बड़े स्क्रीन पर देशभर में इस मामले में हो रहे प्रदर्शन और कार्यक्रमों के जरिये भी युवाओं में जोश भरा जा रहा है। सत्याग्रह की बागडोर संभाल रहे युवाओं का कहना है कि यह आंदोलन देश के लिए है, देश के संविधान की सुरक्षा के लिए, यहां की अमन, शांति और सौहाद्र्र के लिए है। किसी जाति, धर्म, समाज और मजहब से इसका कोई सरोकार नहीं है और न ही इस सत्याग्रह को किसी संस्था विशेष का कोई बैनर ही हासिल है। उनका कहना है कि देश के लिए फिक्र करने वाले यहां जुट रहे हैं और देश की अस्मिता बचाने की गुहार लगा रहे हैं। आंदोलन उस समय तक जारी रहेगा, जब तक कानून संशोधन का फैसला वापस नहीं ले लिया जाए।


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