वैज्ञानिकों ने एक ऐसी वियरेबल डिवाइस बनाई है जो दुनिया की अब तक की सबसे छोटी और क्रेडिट कार्ड से भी पतली डिवाइस है। इस डिवाइस की मदद से अल्ट्रा-वायलेट किरणों का एक्सपोजर बढ़ने पर यूजर्स को चेतावनी दी जाएगी। अल्ट्रा-वायलेट किरणें ही स्किन कैंसर का कारण होती हैं। इस डिवाइस का इस्तेमाल पानी के अंदर भी किया जा सकता है क्योंकि ये पूरी तरह से वॉटरप्रूफ है।
अभी, लोगों को पता नहीं चलता कि उनके ऊपर कितनी अल्ट्रा-वायलेट किरणें आ रही हैं, जिस वजह से लोग स्किन कैंसर को लेकर अपना ध्यान नहीं रख पाते। लेकिन ये डिवाइस लोगों को अल्ट्रा-वायलेट किरणों की जानकारी देगी।
नाखून पर भी लगा सकते हैं इसे : ये डिवाइस इतनी छोटी है कि इसे टोपी पर भी लगा सकते हैं और अपने चश्मे पर भी लगा सकते हैं। इतना ही नहीं, इस डिवाइस को लोग अपने नाखून पर भी चिपका सकते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये डिवाइस लोगों में स्किन कैंसर और सनबर्न के खतरे को कम कर सकता है।
मोबाइल ऐप से चलेगा पता : इस डिवाइस में किसी भी तरह की बैटरी नहीं है और इसे कहीं भी आसानी से लगाया जा सकता है। ये डिवाइस वायलेस रूप से मोबाइल से कनेक्ट रहती है और यूवी एक्सपोजर की जानकारी मोबाइल ऐप पर मिल जाएगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस डिवाइस को पानी के अंदर भी पहना जा सकता है। उन्होंने दावा किया है कि पानी के अंदर भी ये डिवाइस उसी तरह से यूवी एक्सपोजर को मापती है, जिस तरह से ये बाहर मापती है।
कोई स्विच भी नहीं लगा है इसमें : इस डिवाइस की खास बात ये है कि इसमें किसी भी तरह का कोई स्विच या इंटरफेस नहीं है। इस डिवाइस को प्लास्टिक की एक पतली से पारदर्शी परत के अंदर रखा गया है जिसे कहीं भी चिपकाया जा सकता है। ये डिवाइस लाइट (प्रकाश) की तीन अलग-अलग वेवलैंथ को रिकॉर्ड कर सकती है।
इससे अवेयरनेस भी बढ़ेगी : अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीव जू ने कहा, ‘प्राकृतिक वातावरण में यूवी किरणों के एक्सपोजर का सटीक माप देना टेक्नोलॉजी के लिए बहुत जरूरी है।’ उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि इस डिवाइस से लोगों को यूवी एक्सपोजर के बारे में जानकारी मिलेगी, साथ ही धूप में बाहर निकलने से पहले लोग अपनी हेल्थ को लेकर ज्यादा अवेयर रहेंगे।