भोपाल।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बीच तकरार के बाद कांग्रेस में खलबली मच गई है।भोपाल से लेकर दिल्ली तक बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है।लोकल मीडिया से लेकर नेशनल मीडिया तक सिंधिया-कमलनाथ की तकरार के चर्चे है। जहां बीजेपी इस मौके पर फायदा उठाकर सरकार की घेराबंदी कर रही है वही मंत्री-विधायक सफाई देने में लगे हुए है, हालांकि सिंधिया समर्थक मंत्रियों-विधायकों में भी नाराजगी का असर देखने को मिल रहा है। वही आने वाले दिनों में निकाय और उप चुनाव होने वाले है, ऐसे में दोनों नेताओं की तकरार पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। इसी बीच खबर आ रही है कि मतभेदों को सुलझाने के लिए दोनों दिग्गज इसी हफ्ते मुलाकात कर सकते है।
एक एजेंसी को दिए गए बयान में कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि दोनों नेता सत्ता में आने से पहले मध्य प्रदेश की जनता से पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए मुलाकात करेंगे।कमलनाथ और सिंधिया इस हफ्ते मुलाकात करेंगे और लंबित मुद्दों पर काम करेंगे तथा मध्य प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लोगों की चिंताओं और मांगों का समाधान खोजेंगे।दोनों नेताओं के बीच किसी प्रकार के मतभेद की खबरों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता जन कल्याण के लिए काम कर रहे हैं और मध्य प्रदेश में सुशासन उपलब्ध करा रहे हैं।
दरअसल, कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी ना देने के चलते सिंधिया लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे है। बीते कई दिनों से अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। हाल ही में उन्होंने अतिथि शिक्षकों समेत प्रदेश की जनता से किए गए वादों को पूरा ना करने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी थी।साथ ही दो दिन पहले दिल्ली में हुई समन्वय समिति की बैठक में भी सिंधिया आधे में से उठकर चले गए थे। इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत कमलनाथ ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से की थी।इसी बीच जब मीडिया ने कमलनाथ से इस पर प्रतिक्रिया जाननी चाहि तो उन्होंने दो टूक कह दिया उतरना है तो उतर जाएं। हालांकि जमकर बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर चुटकी लेना शुरु कर दिया तो कमलनाथ के मंत्रियों ने मोर्चा संभाल लिया और एक के बाद एक सफाई देना शुरु कर दी। अभी ये घटनाक्रम चल ही रहा था कि रविवार को ग्वालियर में सिंधिया ने फिर वही दोहराया जरुरत पड़ी तो सड़कों पर उतरुंगा।वही समर्थक मंत्री इमरती देवी का भी कहना है कि अगर महाराज सड़क पर उतरेंगे तो पूरे देश की कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। दोनों नेताओं की तकरार ने पार्टी को टेंशन में डाल दिया है, अब बड़े नेता इस विवाद को सुलझाने में जुटे है। उम्मीद की जा रही है कि पार्टी जल्द सिंधिया को लेकर ब़ड़ा फैसला ले सकती है वही दोनों नेताओं की मुलाकात करवाकर मतभेदों को दूर कर सकती है।