भोपाल।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल दौरे के दौरान सीएम कमलनाथ से मुलाकात ना करना चर्चा का केन्द्र बना हुआ है । शुक्रवार को पीसीसी से लेकर सियासी गलियारों तक इसकी चर्चा होती रही। इसको लेकर जब मीडिया ने सिंधिया से सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा कि जरूरी नहीं है कि मिलने पर ही बातचीत हो।
दरअसल, पिछले साल अगस्त में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के यहां डिनर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शामिल हुए थे।लेकिन इस बार मंत्री राजपूत के यहां डिनर पार्टी में नदारद रहे, जबकी इसमें कांग्रेस विधायक, मंत्रियों के अलावा निर्दलीय और बसपा विधायक भी मौजूद रहे।इस पर मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मेरा मूल रूप से यह दौरा कार्यकर्ताओं से संवाद करने के लिए था। मुख्यमंत्री से मेरा संवाद बना रहता है। रोज बात होती है। जरूरी नहीं है कि मिलने पर ही बातचीत हो।
भले ही सिंधिया ने बहुत हल्के अंदाज में इन सवालों को टाल दिया हो लेकिन मुलाकात नहीं होने के कई सियासी मयाने निकाले जा रहे है। शुक्रवार दोपहर पीसीसी पहुंचे सिंधिया अधिकतर सवालों के जबाव में खुद को राजनेता के बजाय जनसेवक बताते रहे।हालांकि सियासी गलियारों में सिंधिया के इस दौरे को शक्ति प्रदर्शन के रुप में देखा जा रहा है।